scriptVideo: सुनार ने घर में बना लिया ब्रिटिश कालीन घंटाघर, दूर-दूर से देखने आते हैं लोग | Sunar ne ghar me bana liya britishakalin ghantaaghar, dekhne aate log | Patrika News
हरदा

Video: सुनार ने घर में बना लिया ब्रिटिश कालीन घंटाघर, दूर-दूर से देखने आते हैं लोग

सुबह जागते ही दिखता था घंटाघर, नए मकान में कमी न खले इसलिए हूबहू प्रतिकृति बनवाई

हरदाJan 18, 2020 / 12:21 pm

poonam soni

सुनार ने घर में बना लिया ब्रिटिशकालीन घंटाघर, दूर-दूर से देखने आते हैं लोग

सुनार ने घर में बना लिया ब्रिटिशकालीन घंटाघर, दूर-दूर से देखने आते हैं लोग

गुरुदत्त राजवैद्य/ हरदा. हम वर्षों तक जिस मकान में रहें और उसे छोडऩे का वक्त आए तो वहां की आबोहवा को भूलना मुश्किल हो जाता है। सभी की इच्छा रहती है कि नई जगह पर भी वैसा ही माहौल मिले। इसी कमी को दूर करने के लिए शहर के घंटाघर चौक पर रहने वाले एक सराफ व्यापारी ने ब्रिटिश कालीन इमारत की प्रतिकृति अपने नए मकान में बनवा ली। पुराने मकान में जब वे सुबह जागते थे तो सामने घंटाघर दिखता था। नए मकान में भी इसे ऐसी जगह बनवाया कि बिस्तर छोडऩे के साथ ही घंटाघर का दीदार हो जाए।
घर में मायूसी न छाए इसलिए बनाया
व्यापारी मोहित पिता स्व. चंद्रकुमार सराफ के मुताबिक घंटाघर चौक के दक्षिण-पूर्व में स्थित भवन में उनके पूर्वज करीब 150 साल पहले से रहते थे। परिवार ने मकान बदलने का मन बनाया तो घंटाघर की कमी सबसे ज्यादा खलने का सोचकर मायूसी छाने लगी। नए मकान में कुछ नया करने की चाह में निर्णय लिया कि क्यों न इसकी प्रतिकृति बनवाई जाए। प्रताप कॉलोनी में अपनी मां किरण, पत्नी श्रद्धा, बेटी हितैषी और ग्रीष्मा के साथ रहने वाले मोहित बताते हैं कि इसके लिए पचमढ़ी में रहने वाले एक मूर्तिकार से संपर्क किया गया। उन्होंने सीमेंट-कांक्रीट और प्लास्टर ऑफ पेरिस से एक महीने की कड़ी मेहनत से मकान की एक दीवार पर घंटाघर की 15 फीट ऊंची प्रतिकृति बना दी।
फ्लैश बैक : जे बेड्डी ने बनवाया था घंटाघर
स्वातंत्र्य समर में हरदा के लेखक डॉ. धर्मेंद्र पारे ने बताया कि पत्थरों पर चूना की जुड़ाई से तैयार की गई अपने आप में अनूठी इस इमारत का निर्माण ब्रिटिश अधिकारी जे. बेड्डी ने वर्ष १८६६ के पूर्व कराया था। इसका डिजाइन इंजीनियर जेम्स रेन रस्टन ने तैयार किया था। इसके चारों दिशा में घडिय़ां लगाई गईं थी, जो फिलहाल बंद हैं। हर एक घंटे पर समय के मान से घंटनाद होता था, जो तीन किमी के दायरे में सुनाई पड़ती था। वरिष्ठ नागरिक देवकीनंदन लल्ला ने बताया कि घंटाघर के ऊपरी छोर पर छतरी हुआ करती थी। इससे घंटे की प्रतिध्वनि तेज होती थी। आजादी के बाद यहां अशोक स्तंभ बनाया गया।
सुनार ने घर में बना लिया ब्रिटिशकालीन घंटाघर, दूर-दूर से देखने आते हैं लोग

Home / Harda / Video: सुनार ने घर में बना लिया ब्रिटिश कालीन घंटाघर, दूर-दूर से देखने आते हैं लोग

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो