अगले चरण में हरदा जिले में यह केन्द्र शुरू किया जाएगा। इसके माध्यम से जिले के किसानों को इजराइल की तकनीकों की जानकारी दी जाएगी। यह बात प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने बीती रातआयोजित कार्यक्रम में कही। हरदा जिले के खेतों में मिट्टी उपजाऊ है। नर्मदा और तवा नदियों के साथसाथ नहर की सुविधा है, जिससे खेतों की सिंचाई के लिए पानी की कमी नहीं है। साथ ही यहां की जलवायु भी फसलों के अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि चना, मूंग और गेहूं के प्रति हेक्टेयर उत्पादन में हरदा जिला पंजाब और हरियाणा से भी आगे है। आगामी दिनों मोरंड गंजाल सिंचाई परियोजना भी शुरू होने जा रही है, जिससे सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलेगा।
मंत्री पटेल ने कहा कि हरदा में इजराइल के सहयोग से उद्यानिकी व कृषि उत्कृष्टता केंद्र शुरू होने से किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन मिलने लगेगा तो किसान और समृद्ध होंगे। जिले के एक किसान ने एक साल में 8 करोड़ रुपए की मिर्ची बेची है। उन्होंने बताया कि सिराली के किसान के खेतों की मिर्ची दुबई तक निर्यात हो रही है।
भारत में इजराइली दूतावास के एग्रीकल्चर अटेचे येइर एशेल ने संबोधित करते हुए कहा कि इजराइल में खेती बहुत महंगी है, क्योंकि खेती की आधी लागत तो सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था में खर्च होती है, क्योंकि इजराइल में वर्षा कम होती है। इसलिए इजराइल में बारिश के पानी की एकएक बूंद को सहेजकर रखा जाता है। पानी की एक बूंद भी खेत से बाहर व्यर्थ नहीं जाती है।
येइर एशेल ने बताया कि इजराइल की केवल 3 प्रतिशत आबादी खेती करती है जबकि भारतीय की दो तिहाई आबादी खेती करती है। लेकिन इसके बावजूद उद्यानिकी खेती में इजराइल के किसान काफी आगे हैं। उन्होंने कहा कि इजराइल का किसान तकनीक के जरिए कम जगह में जल प्रबंधन और ज्यादा उत्पादन लेने हासिल कर रहा है। इजराइल की इसी तकनीक को भी भारतीय किसानों को बताया जाएगा। कार्यक्रम में कलेक्टर ऋषि गर्ग के साथ कृषि उद्यानिकी विभाग के अधिकारी तथा इजराइल दूतावास के प्रोजेक्ट ऑफिसर ब्रह्मदेव, नीति सलाहकार अर्पित कालीचरण व सहयोगी अभिषेक पांडे मौजूद थे।