scriptअपहृत किशोरी की हत्या का मामला- थाने के CCTV ने खोली पुलिसकर्मियों की लापरवाही की पोल | Two ASI and two head constables suspended for negligence | Patrika News
हरदा

अपहृत किशोरी की हत्या का मामला- थाने के CCTV ने खोली पुलिसकर्मियों की लापरवाही की पोल

अपहृत किशोरी की रिपोर्ट समय पर नहीं की गई दर्ज, माता-पिता तीन दिन तक थाने के लगाते रहे थे चक्कर, 29 जुलाई को मिला था अपहृत किशोरी का कंकाल..

हरदाAug 09, 2020 / 10:45 pm

Shailendra Sharma

thana.jpg

हरदा. 29 जुलाई को खंडवा के गणगौर घाट रेलवे ट्रैक के पास जंगल में मिले किशोरी के नरकंकाल के मामले में जांच के दौरान पुलिसकर्मियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। लापरवाही बरतने वाले हरदा के सिराली थाने के दो एएसआई और दो प्रधान आरक्षक को निलंबित कर दिया गया है। एसपी ने मनीष कुमार अग्रवाल ने जानकारी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित पक्ष ने शिकायत की थी कि वो 23 से 25 जुलाई तक सिराली थाने में शिकायत दर्ज कराने के लिए रोजाना गए थे लेकिन थाने में उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई थी।

फरियाद सुनी लेकिन नहीं लिखी रिपोर्ट
एसपी मनीष अग्रवाल ने बताया कि सिराली थाना के पुलिस अधिकारी, कर्मचारियों ने अपहृत किशोरी के माता-पिता की फरियाद तो सुनी थी, लेकिन रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई नहीं की। 26 जुलाई को इस मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। जांच शुरु हुई तो तीन दिन बाद 29 जुलाई को अपहृत किशोरी की क्षत विक्षत लाश खंडवा में गणगौर घाट रेलवे ट्रैक के पास क्षत विक्षत हालत में मिली थी। एसपी मनीष अग्रवाल ने आगे कहा कि पीड़ित पक्ष की शिकायत थी कि 15 वर्षीय किशोरी के माता-पिता 23 से 25 जुलाई तक सिराली थाना गए थे, लेकिन उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। एएसपी गजेंद्र वर्धमान ने इसकी जांच की तो वीडियो फुटेज में सामने आया कि 23 से 25 जुलाई तक पीडि़ता के परिजन थाने पहुंचे थे। तब एएसआई बृजमोहन सोलंकी व एएसआई देवकरण उइके तथा प्रधान आरक्षक अजय तिवारी व प्रधान आरक्षक सईद खान ने उनकी शिकायत तो सुनी थी लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की। पीड़ित पक्ष को कभी थाना प्रभारी के मौजूद न होने का कहा गया तो कभी उम्र के प्रमाण के लिए अंकसूची मांगी गई। लॉकडाउन के कारण अंकसूची उपलब्ध कराने में भी देरी को पीडि़त पक्ष ने कारण बताया, लेकिन फिर भी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। पुलिस अधिकारी, कर्मचारियों ने उनसे हर बात बारिकी से पूछी। आरोपी शकीला और आकाश को थाना बुलाकर पूछताछ भी की गई थी। एएसआई सोलंकी की बीट के क्षेत्र के गांव में घटित इस घटना को उन्होंने भी संज्ञान नहीं लिया। 26 जुलाई को इस मामले में प्रकरण दर्ज हुआ था। इस मामले में लापरवाही पर एएसआई सोलंकी व उइके तथा प्रधान आरक्षक तिवारी व खान को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। विभागीय जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी से कराई जाएगी।

29 जुलाई को मिला था किशोरी का कंकाल
लापता किशोरी का कंकाल क्षत-विक्षत अवस्था में 29 जुलाई को खंडवा के गणगौर घाट रेलवे ट्रैक के पास जंगल में मिला था। आरोपी आकाश की निशानदेही पर इसकी बरामदगी हुई थी। पुलिस ने इस मामले में आकाश, शकीला, मांगीलाल और इमरान को गिरफ्तार किया था। फिलहाल सभी आरोपी जेल में हैं। जिस दिन कंकाल बरामद हुआ था उस दिन आदिवासी संगठनों द्वारा घटना पर खासा रोष जताया गया था। उनका कहना था कि 13 जुलाई को किशोरी के लापता होने के बाद से पीडि़त पक्ष लगातार थाने के चक्कर लगाते रहे, लेकिन उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। समय रहते कार्रवाई होती तो किशोरी की जान बचाई जा सकती थी। आदिवासी संगठनों द्वारा बाद में भी लगातार यह मांग की गई की दोषी पुलिस अधिकारी, कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए। दो दिन पहले उन्होंने कलेक्ट्रेट के घेराव का ऐलान भी किया था। हालांकि उन्हें शहर के बाहर ही रोक दिया गया था। बता दें कि शादी का झांसा देकर आरोपी खालवा में किशोरी को बेचने लाए थे, सौदा नहीं हुआ तो पकड़े जाने के डर से उसकी हत्या कर दी थी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो