पलटवार: सहकारी समितियों में गड़बड़ी की जांच विधायक ने क्यों नहीं कराई
भाजपा विधायक कमल पटेल के बयान पर पूर्व कांग्रेस विधायक दोगने का आरोप
Why did not the legislator make a mistake in the cooperatives
हरदा. कर्ज माफी संबंधी सूचियां सार्वजनिक किए जाने के बाद सामने आ रही गड़बड़ी पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। भाजपा विधायक कमल पटेल के एक दिन पहले इनमें व्यापक गड़बडिय़ों के आरोप पर रविवार को कांग्रेस के पूर्व विधायक डॉ. आरके दोगने ने पलटवार किया है। डॉ. दोगने ने आरोप लगाया कि यह सब भाजपा के शासनकाल में हुआ। तब पटेल ने इन पर कार्रवाई क्यों नहीं कराई? अपने निवास पर बुलाई पत्रकारवार्ता में डॉ. दोगने ने कहा कि सत्ता पर भाजपा 15 साल काबिज रही। इनके कार्यकाल में जिला सहकारी बैंक होशंगाबाद-हरदा में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितताएं हुई। इस बीच पटेल विधायक व मंत्री भी रहे। तब उन्होंने ऐसा होने से रोका क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में किसानों की शिकायत पर ईओडब्ल्यू में गड़बड़ी के मामलों की एफआईआर दर्ज हुई थी।
पूर्व राज्यपाल रामनरेश यादव के आदेश पर हुई जांच में सामने आया था कि टिमरनी की 9 सहकारी समितियों ने वर्ष 2008 में 4000 किसानों का कर्ज माफ किया था, इनमें से ३५१७ किसानों के नाम फर्जी थे। इन मामलों में आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। पूर्व विधायक ने मोरगढ़ी सहकारी समिति मोरगढ़ी के वर्ष 2007 से कर्जदार एक किसान को ऋण माफी का लाभ नहीं मिलने संबंधी आरोपों पर कहा कि कांग्रेस ने केंद्र में रहते हुए वर्ष 2008 में संपूर्ण कर्जमाफी की थी। तब किसान को इसका लाभ मिला होगा। इसके बावजूद भी वह ऋण माफी का फायदा उठाने से वंचित रहेगा तो प्रशासन से इसकी जांच कराई जाएगी। पूर्व विधायक ने कहा कि भाजपा के नेता तर्कहीन बातें कहकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं। कांग्रेस अपनी घोषणा अनुसार हर पात्र किसान को ऋण माफी योजना का लाभ दिलाएगी। दोगने के साथ कार्यकारी जिलाध्यक्ष कैलाश पटेल, लखन सिंह मौर्य, पीसीसी सचिव ओम पटेल, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य दिनेश यादव, प्रकाश चंद्र वशिष्ठ, हीरालाल खोखर, महेश पटेल, संजय अग्रवाल आदि उपस्थित थे।
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