स्वछता की बात करे तो हर जगह पानी पानी होने के कारण बचे खुचे सूखे स्थानों पर लोग शौच करने को मजबूर हैं जिससे बीमारियां फैलने का अंदेशा बना हुआ है। खुशीराम पुत्र चेतराम निवासी चिरंजूपुरवा का घर पूरा का पूरा गंगा में समा चुका है। अन्य लोगों ने भी कटान के डर से अपना आशियाना खुद ही तोड़ कर ईंटें निकाल रहें ताकि आने वाले समय में घर बनाने के लिए कुछ राहत मिल सके। बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन भी तैयार दिखाई दे रहा है।
एसडीएम बिलग्राम सतेन्द्र सिंह तहसीलदार राजेश कुमार अपनी टीम के साथ सभी बाढ़ से प्रभावित गांव का दौरा कर हालात का जायजा ले रहे हैं। उपजिलाधिकारी से बातचीत से पता चला कि है कि अभी तक लोगों को बाहर निकालने के लिए 52 नौकाओं का बंदोबस्त किया गया है। जरूरत पड़ने पर इनको और बढ़ाया जा सकता है फिलहाल बाढ़ से जूझ रहे लोगों को देखने वाले प्रियांशु राजेश विमलेश कुमार का कहना है कि अभी तक गांव वालों को डुबे संपर्क मार्ग से निकालने के लिए सिर्फ नौकाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है बाकी खाने पीने एवं बारिश से बचने के लिए तिरपाल बीमारी के इलाज आदि के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं जिससे लोग निराश हैं । नदियों का जल स्तर खतरे के निशन के ऊपर है । जिससे लोगो में खलबली मचने के साथ धुकधुकी बढ़ी हुई है ।