हत्या और अॉनर किलिंग पर हो रही है जांच कंकाल मिलने से गांववालों के जमावड़े में किशोरी के भाईजन भी मौजूद थे। उसी बाबत उन लोगों ने उसके कपड़े आदि देख ये जाना कि ये और कोई नहीं बल्कि उनकी बहन ही है। प्राप्त कंकाल गांव की गुशुदा किशोरी का है इस बात की पुष्टि हो जाने पर पूरे गांव में मातम छा गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच कर कंकाल को
कब्जे में लिया। पुलिस हत्या और अॉनर किलिंग के बिन्दुओं पर जांच कर रही है।
ये है पूरा मामला मामला हरदोई जिले के बेहटागोकुल थाना क्षेत्र के कमालपुर गांव का है, जहां शुक्रवार सुबह गांव वालों ने गन्ने के खेत में एक किशोरी का कंकाल पाया। इस के बाद पूरा गांव खेत में एकत्र हो गया।
कंकाल के पास पड़े उसके बाल और कड़ों आदि से पता चला कि यह कंकाल गांव की ही एक सत्रह वर्षीय किशोरी ओमा देवी पुत्री शिव कुमार का है। ओमा देवी पिछले लगभग सत्रह दिनों से लापता थी। जिसकी गुशुदगी भी थाने में दर्ज थी।
गुमशुदगी रिपोर्ट के मुताबिक अोमा देवी घर से बकरी चराने निकली थी। मगर फिर वापस घर नहीं लौटी। वह चार भाइयों में अकेली थी। परिजनों ने किसी से भी कोई रंजिश होने की बात भी नहीं जाहिर की है। पीड़ित परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। पुलिस इस मामले को ऑनर किलिंग के एंगल से सुझाने के प्रयास में लगी हुई।
सवालों से घिरी पुलिस घटना के बाद पूरा इलाका भय व्याप्त हो चुका है। सब ही की जुबान पर सिर्फ यही सवाल है कि आखिर पिछले सत्रह दिनों से कहां थी। अचानक से कैसे उसका कंकाल इस खेत में आ पहुंचा। क्या उसकी हत्या कर उसको इसी गन्ने के खेत में फेंका गया था या उसके शव को कही छुपा कर रखा गया था। शव के कंकाल होने के बाद खेत में फेंक दिया गया। गांव वाले दबी जुबानी ओमा के प्रेम प्रसंग को भी इस घटना से जोड़ रहे है। मगर सच क्या है इसका पता तो पुलिस की जांच खत्म होने के बाद ही लगेगा।
पुलिस अधीक्षक विपिन मिश्र ने बताया कि अभी तक कोई अन्य तहरीर परिजनों द्वारा नहीं दी गयी है। यदि कोई भी अन्य तथ्य सामने आएगा तो कार्रवाई की जाएगी। हालांकि कंकाल का पोस्टमार्टम और डीएनए टेस्ट होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी ।