scriptVIDEO : डीएम के इस मॉडल को अपना ले देश तो भूखी नहीं मरेंगी गाय | pashu sanrakshan ke upay uthaye gye kadam by hardoi dm | Patrika News
हरदोई

VIDEO : डीएम के इस मॉडल को अपना ले देश तो भूखी नहीं मरेंगी गाय

आवारा पशुओं की गंभीर समस्या के समाधान के लिए हरदोई की डीएम शुभ्रा सक्सेना ने रोल मॉडल पेश किया है

हरदोईDec 05, 2017 / 12:24 pm

Hariom Dwivedi

Shubha Saxena
हरदोई. आवारा पशुओं की गंभीर समस्या के समाधान के लिए हरदोई की डीएम शुभ्रा सक्सेना ने रोल मॉडल पेश किया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से बिना सहयोग लिए ग्रामीणों और ग्राम पंचायत की मदद से बंजर जमीन पर पशु आश्रय स्थल का निर्माण कराया है। इस पशु आश्रय स्थल में करीब 500 पशु रह सकते हैं, जिनके लिए प्रतिदिन पांच किलो चारे का भी इंतजाम किया गया है। डीएम शुभ्रा सक्सेना द्वारा पशु संक्षरण के लिए उठाए गए कदम की जमकर सराहना हो रही है।
डीएम शुभ्रा सक्सेना की इस पहल से जहां गांयों को भूखे नहीं मरना पड़ेगा, वहीं किसानों को भी छुट्टा जानवरों की समस्या से मुक्ति मिलेगी। इसके अलावा अचानक से रोड पर आने वाले जानवरों के कारण होने वाले सड़क हादसों में भी कमी आएगी। साथ ही पशुओं को कटीले तारों से भी बचाया जा सकेगा। डीएम शुभ्रा सक्सेना बताया कि छुट्टा जानवरों की वजह से कई बड़ी दुर्घटनाएं हो जाती हैं, जिसके चलते कई लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है। अब ऐसे सड़क हादसों में कमी आएगी।
पशुओं की बचेगी जान, किसान होंगे खुशहाल
आवारा पशु किसानों के लिए हमेशा चिंता का विषय बने रहते हैं, जिसकी शिकायत किसानों ने कई बार जिला प्रशासन से भी की। किसानों ने आवारा पशुओं से अपने फसल की रक्षा के लिए खेत के चारों ओर कंटीले तार लगाए हैं, जिनमें फंसकर आवारा पशु कट जाते हैं। आश्रय स्थल खुलने से न केवल किसानों को फायदा मिलेगा, बल्कि आवारा पशुओं की जान भी बचाई जा सकेगी।
हर तहसील में बनेंगे दो आश्रय स्थल
जिलाधिकारी ने कहा कि आदर्श रूप में टड़ियावां ब्लॉक के मजरा बहर के गांव कटैया में बंजर भूमि पर यह पहली पशुशाला आज से क्षेत्र को समर्पित है। कोशिश होगी कि इस तरह की पशु शालाएं जिले की हर तहसील क्षेत्र में बनें। इसके लिए हर तहसील क्षेत्र में कम से कम दो पशु आश्रय स्थलों का निर्माण कराकर घुमंतू पशुओं के रहने का स्थान दिया जाएगा।
फंडिंग नहीं, नई सोच की जरूरत : डीएम
जिलाधिकारी ने बताया कि इस पशु आश्रय स्थल के लिए हमने कोई भी फंडिंग सेंशन नहीं कराई है। ग्राम पंचायत की ग्राम निधि और मनरेगा जैसी योजनाओं के ही बजट से इस कार्य को कराया गया है। डीएम ने कहा कि इस कार्य के लिए किसी फंडिंग की नहीं, बल्कि एक नयी सोच की जरूरत थी।
…तो भूखी नहीं मरेंगी गाय
पशुओं को कंटीले तारों से बचाने और किसानों को आवारा पशुओं की छुट्टा समस्या से निदान दिलाने के लिए राज्य सरकार ने गोसेवा आयोग को इस ओर काम करने का पहले ही निर्देश दे रखा है। ऐसे में हरदोई डीएम का यह मॉडल दूसरे जिलों के साथ ही देश भर में अपनाया जा सकता है।

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