एक महीने में मिली बेहतर सुविधा भाजपा विधायक के प्रयास के बाद डीएम पुलकित खरे ने सवायजपुर में सात साल बाद डॉ. बीके चौधरी को चिकित्सा अधीक्षक नियुक्त करने के निर्देश तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर पी एन चतुर्वेदी के दिए थे। डॉ. चौधरी ने कार्यभार संभाला और अस्पताल में मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलने लगी लेकिन डॉ चौधरी एक माह में ही यहां से तबादला करा बिलग्राम चले गए। साथ ही तैनात डॉ अंजली, डॉ गजाला अनीस फातिमा पीजी कोर्स करने के लिए चली गई वही डॉक्टर संजीव का भी तबादला जनपद अंबेडकरनगर हो गया।
आयुष चिकित्सक डॉ बिंद्रा जिनके तैनाती हरपालपुर में है। इनके न होने पर फार्मासिस्ट सूर्योदय मरीजों को देख उन्हें दवाई देता है। अस्पताल में इलाज के लिए आए भेलामऊ की रोली, सिलवारी की सरस्वती ,वन की डाली की महारानी और सीता मैं बताया डॉक्टर को दिखाने आए थे लेकिन डॉक्टर ना मिलने से दिखा ना पाए। नगरा के महेंद्र अपनी पत्नी माया देवी को बुखार खांसी की दवाई के लिए आए लेकिन डॉक्टर न मिलने से फार्मासिस्ट से दवाई ली।
गर्भवती महिलाओं को परेशानी का सामना अस्पताल में अब बच्चू लाल LT, आकाश LT, दीपक डेंटल हाईजेनिस्ट, इंदु स्टाफ नर्स, प्रीति, रीतू स्टाफ नर्स के अलावा श्यामू स्वीपर की तैनाती है। लेकिन हॉस्टल में किसी अधीक्षक के ना होने से तैनात स्टाफ अपनी मनमानी करता है। स्टाफ नर्स इंदू आठ दिनों से बिना सूचना के अस्पताल से नदारद है। इसके चलते प्रसव के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर पी रावत ने जल्द ही अस्पताल में डॉक्टरों की तैनाती की बात कही।
पूरा नहीं हुआ भाजपा का वादा पछोहा और कटियारी में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओ का वादा करने वाले भाजपा सांसद अंशुल वर्मा का वादा खोखला साबित हो रहा है। सांसद ने बीते 16 अप्रैल को तहसील सभागार में आयोजित लोक कल्याण मेले में सवायजपुर में मोबाइल अस्पताल की सुविधा जल्द मुहैय्या कराने का वादा किया था। लेकिन इस बात का अभी तक कुछ नहीं हुआ है। जनता मोबाइल अस्पताल की राह देख रही है। सवायजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जहां डॉक्टर विहीन है। वहीं मोबाइल अस्पताल की भी सुविधा न से क्षेत्र के मरीजों को खासी दिक्कते हैं। इस संबंध में भाजपा सांसद अंशुल वर्मा से जब संपर्क किया, तो उनके मोबाइल की घंटी बजती रही फोन नहीं उठा।