जिले के राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा की बैठक में नितिन अग्रवाल की मौजूदगी ने यह साफ तौर पर संकेत दे दिए हैं कि राज्यसभा चुनाव में अगर वो सपा की व्हिप का उलंघन कर बीजेपी के पक्ष में वोट करेंगे तो समाजवादी पार्टी उन पर कड़ी कार्यवाही कर सकती है। ऐसे में संभानायें बन रही हैं कि पिता नरेश अग्रवाल की तरह नितिन अग्रवाल भी समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम सकते हैं। राज्यसभा चुनाव से पहले इस बारे में बात करना थोड़ा जल्दबाजी जरूर होगी, लेकिन ऐसी संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।
गौरतलब है कि हाल ही में नरेश अग्रवाल ने भाजपा की सदस्यता ले ली है। उस दौरान ही उन्होंने स्पष्ट संकेत दे दिये थे कि राज्यसभा चुनाव में नितिन अग्रवाल का वोट भाजपा प्रत्याशी को ही जाएगा। अब नितिन अग्रवाल ने सीएम योगी की डिनर पार्टी में शामिल होकर ऐसा ही संकेत दिया है।
नितिन अग्रवाल के वोट का मतलब
राज्यसभा चुनाव में सपा, बसपा, रालोद और कांग्रेस के विधायकों की संख्या मिलाकर 74 होती है। राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिये 37 वोटों की जरूरत होती है। ऐसें में अगर नितिन अग्रवाल का वोट भाजपा खेमे में नहीं जाता तो समाजवादी पार्टी के हाथ में पूरे वोट होते। ऐसे में नितिन अग्रवाल द्वारा क्रास वोटिंग की संभावना से भाजपा राज्यसभा चुनाव दिलचस्प मोड़ में पहुंच गया है।
हरदोई में नरेश समर्थित प्रत्याशी ही जीतता रहा है
यूपी के हरदोई में सियासत का केंद्र बिंदु रहने वाले नरेश अग्रवाल राज्यसभा सांसद रहते हुए भाजपा के हो चुके हैं। कांग्रेस से अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले नरेश अग्रवाल का हरदोई की राजनीति में खासा दखल माना जाता है। कांग्रेस पार्टी हो, निर्दल हो या फिर बहुजन समाज पार्टी या फिर समाजवादी पार्टी हरदोई सदर सीट से हर बार नरेश अग्रवाल समर्थित प्रत्याशी ने ही जीत दर्ज की है।