एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक हृयूमन राइट्स के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन वार्ष्णेय ने बताया कि हाथरस जनपद एक पिछड़ा हुआ जनपद है, जिसमें व्यक्ति को न तो रोजगार के संसाधन उपलब्ध हो पाते हैं और न ही बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो पाती हैं। इसी कारण हाथरस पिछड़े हुए जनपदों में गिना जाता है। हाथरस जनपद को काफी कुछ विकास के रास्ते पर चलना है। इसलिए हाथरस जनपद में इंडस्ट्रीज, रोजगार के साधन और बुनियादी सुविधाओं की अति आवश्यकता है। इन जरूरतों को सरल व सहज तरीके से पूरा करने में इलाहाबाद हाईकोर्ट की नई खंडपीठ हाथरस में स्थापित कर किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की नई खंडपीठ की स्थापना जनपद हाथरस में की जाए जिससे हाथरस जनपद में विकास हो सके। हाथरस जनपद आगरा, मथुरा और अलीगढ़ के बीचो-बीच पड़ता है। बसों की काफी अच्छी व्यवस्था है। साथ ही साथ रेल मार्ग के लिए यहां पर बहुत अच्छी अच्छी सुविधाएं और स्टेशन है। प्रवीन वार्ष्णेय ने कहा कि हाथरस प्रारंभ से ही ऐतिहासिक शहर रहा है लेकिन वर्तमान स्थिति में हाथरस जनपद की काफी दयनीय स्थिति है जिसके कारण यहां से युवा वर्ग रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए पलायन कर रहा है। अगर यहां पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की नई खंडपीठ की स्थापना कर दी जाती है तो रोजगार के लिए पलायन बंद हो जाएगा। स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी अच्छा कार्य हो सकता है। हाईकोर्ट खंडपीठ की स्थापना के बाद यह जनपद भी अन्य जनपदों की तरह तीव्र गति से आगे बढ़ेगा और एक विकासशील जनपद के रूप में पहचाना जाएगा।
प्रवीन वार्ष्णेय ने कहा कि आगरा और मेरठ में खंडपीठ के लिए संघर्ष दिखाई देता है, वह संघर्ष भी खत्म हो जाएगा। आगरा और मेरठ दोनों ही जनपद पहले से ही काफी समृद्ध और विकासशील जनपद हैं। हाथरस जनपद में खंडपीठ स्थापना के साथ-साथ लोगों को रोजगार, सस्ता और सुलभ न्याय मिलेगा, जिससे आम आदमी पर भी किसी भी प्रकार का बोझ नहीं पड़ेगा।
आगे की रणनीति के लिए प्रवीन वार्ष्णेय ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ की नई बेंच को हाथरस में स्थापित कराने के लिए एक आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है, जिसमें चुने हुए जनप्रतिनिधियों, अधिवक्ता साथियों, राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक संगठनों को लेकर एक वृहद रणनीति बनाई जाएगी। एक आंदोलन का रूप देकर हाथरस जनपद को विकसित जनपद बनाने के लिए इस मांग को पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा।
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक हृयूमन राइट्स द्वारा राष्ट्रपति के नाम इस बारे में जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में ओसी कलेक्ट्रेट रामजी मिश्र को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन देने वालों में राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन वार्ष्णेय के साथ राष्ट्रीय प्रवक्ता देवेंद्र गोयल, जिला अध्यक्ष सौरभ सिंघल, जिला महासचिव शैलेंद्र सांवलिया, जिला प्रवक्ता बाल प्रकाश वार्ष्णेय आदि उपस्थित रहे। ज्ञापन में राष्ट्रपति से मांग की गई है इलाहाबाद हाईकोर्ट खंडपीठ की नई बेंच के लिए हाथरस जैसे पिछड़े जनपद का चयन कर लोगों को रोजगार और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, जिससे पलायन रुक सके।