हाथरस

CBI के हाथ में आई हाथरस मामले की जांच, आरोपित संदीप के खिलाफ FIR दर्ज

हाथरस मामले की जांच सीबाआई ने ली
मुख्य आराेपी के खिलाफ दर्ज किया मामला

हाथरसOct 11, 2020 / 04:02 pm

shivmani tyagi

प्रतीकात्मक चित्र

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क, हाथरस। हाथरस जिले में हुए कथित सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की मौत के मामले में हर दिन नया अध्याय सामने आ रहा है। विपक्ष इस मामले को लगातार हल्ला मचा रहा है। अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है। जांच लेते ही सीबीआई ने इस मामले में मुख्य आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
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सीबीआई के प्रवक्ता आरके गौड ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर और उसके बाद भारत सरकार की अधिसूचना के बाद सीबीआई ने इस संबंध में मामला दर्ज किया है। मामले की जांच के लिए एजेंसी ने एक दल का गठन किया है। आपको बता दें यूपी की योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी जिसकी मंजूरी केंद्र सरकार की ओर से मिलने के बाद जांच शुरू हो चुकी है। इससे पहले मृतका के भाई की शिकायत पर हाथरस जिले के संपदा थाने में इस घटना के संबंध में मामला दर्ज किया गया था।
अब अधिसूचना जारी होते ही सीबीआई एक्शन में आ गई।
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रविवार को सीबीआई की गाजियाबाद विंग ने मुख्य आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने एक शिकायत पर पुलिस थाना संपदा जिला हाथरस में दर्ज मामले की जांच की और मुख्य आरोपित संदीप पुत्र गुड्डू के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। इस केस में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि 14 सितंबर को आरोपित ने उसकी बहन को बाजरा के खेत में गला घोट कर मारने की कोशिश की। केस दर्ज करने के बाद सीबीआई ने यह केस गाजियाबाद यूनिट को सौंप दिया है जिसके बाद अब जल्दी सीबीआई की एक टीम हाथरस भी पहुंच सकती है।

एसआईटी भी कर रही है जांच
इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश की एसआईटी टीम भी कर रही है यूपी सरकार ने प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के अलावा हाई कोर्ट लखनऊ बेंच में भी सुनवाई चल रही है। इसी बीच केंद्रीय कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग ने यूपी सरकार की सिफारिश का संज्ञान लेते हुए शनिवार शाम को इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की अधिसूचना जारी कर दी थी इसके बाद सीबीआई की गाजियाबाद विंग ने यह केस अपने हाथ में ले लिया। अभी इस मामले में एसआईटी की रिपोर्ट आनी बाकी है पहले एसआईटी को 7 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट देनी थी लेकिन बाद में यूपी सरकार ने एसआईटी को 10 दिन का समय और दे दिया था।
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