बेटी को खेत में देखा इस हाल में कि आपा खो बैठे परिजन, पीटपीट कर प्रेमी को उतारा मौत के घाट
आपको बतादें कि यूपी के हाथरस जिले के हसायन ब्लाक के गांव महासिंहपुर सहित 61 गांवों में खारे पानी की समस्या है। इन गांवों का पानी पीने लायक नहीं है। ग्रामीण कई किलोमीटर दूर से चलकर अपनी जरुरत का पीने का पानी किसी प्रकार से लाते हैं। अलबत्ता इन गांवों में से महासिंहपुर -नगला मया के ग्रामीणों ने समस्या के समाधान के लिए बीड़ा उठाया हुआ है। पिछले दो वर्ष में यहां के ग्रामीणों ने पानी दो या मौत दो के नारे के साथ कई बार कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया है और दोबार गांव में ही आमरण अनशन भी किया है। लेकिन गांव में मीठे पानी के लिए टंकी स्थापित कराने की उनकी मांग पूरी नहीं हुई है। प्रशासन की ओर से इन आंदोलनकारियों को हर बार आश्वासन ही मिला है। तंग आकर एक आंदोलनकारी ग्रामीण युवक चंद्रपाल ने 14 तारीख को प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा था। पत्र में उसने खारे पानी की विकराल समस्या और इससे ग्रामीणों को हो रही परेशानी का जिक्र किया है। इससे निजात के लिए चलाई गयी मुहिम का भी जिक्र किया है और समस्या का हल न होने की स्थिति में अपने तथा अपनी तीन बेटियों नंदनी, हिमांशी व निकुंज के लिए इच्छामृत्यु मांगी है। उसके इस कदम के बाद हरकत में आये प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था करके गांव महासिंहपुर में टैंकर से पानी पंहुचाना शुरू किया है। समस्या के समाधन के लिए चंद्रपाल अपनी पत्नी सहित अन्न जल त्यागकर अनसन कर रहा है।
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मामला वाकई गंभीर है। इसके हल के लिए जिला प्रशासन ने दो करोड़ 19 लाख का आंगणन बनवाकर शासन को भेजा है। इन गांवों में स्टैंडपोस्ट सेपानी उपलब्ध कराने की योजना है। शासन स्तर पर इस आंगणन के एवज में धन प्राप्त करने के लिए भी जिला प्रशासन प्रयासरत है। अब जबकि चंद्रपाल ने अपनी पत्नी के साथ अनशन करते हुए 27 तारीख से अन्न जल का त्याग किया है तब हरकत में आये जिला प्रशासन ने उसे तथा उसकी पत्नी को रात बारह बजे उनके घर से उठाकर जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया है। रात में इस प्रकार से उठाये जाने पर अनशनकारी चंद्रपाल को घोर आपत्ति है। उसका कहना है कि गांव में मीठे पानी के आने तक उसका अनशन जारी रहेगा। उधर क्षेत्र के एसडीएम का कहना है कि अनशनकारी की जाँच में मैडिकल टीम ने उसके उपचार की रिपोर्ट दी है। प्रशासन की वरीयता में अनशनकारी का जीवन है इसलिए यह कदम उठाया गया है। उनका कहना है कि गांव में लगातार मीठे पानी का टैंकर भेजा जा रहा है। समस्या के स्थाई समाधान के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है और इस पर उच्चस्तरीय वार्ता जारी है