हाथरस

हाथरस मामला: मृतका के पिता ने कहा- डाला जा रहा दबाव, किया मुझे नजरबंद, वीडियो हो रहा वायरल

-प्रियंका ने वीडियो जारी कर किया ट्वीट-यूपी सरकार ने कहा-नहीं हुआ था गैंगरेप-जातीय तनाव पैदा करने की गयी कोशिश

हाथरसOct 01, 2020 / 06:01 pm

Abhishek Gupta

Hathras Case

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
हाथरस. हाथरस गैंगरेप (Hathras Gangrape) मामले में राजनीतिक उबाल के बीच गुरुवार को मृतका के पिता का एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें मृतका के पिता कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) से वीडियो काफ्रेंसिंग के लिए उन पर दबाव डाला गया। वह जांच से संतुष्ट नहीं हैं। इस वीडियो को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्विट किया है। इस बीच उप्र सरकार ने कहा है कि एफएसएल की जांच रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है। कुछ लोगों ने जातीय तनाव पैदा करने के कोशिश की।
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बुधवार को मृतका के पिता का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग का वीडियो जारी हुआ था। जिसमें वह योगी से बातचीत कर संतुष्ट थे। उन्हें सीएम ने न्याय व हर मदद का भरोसा दिलाया था, लेकिन कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को मृतका के पिता का एक और वीडियो ट्वीट कर सरकार के दावे की पोल खोल दी। प्रियंका ने जो वीडियो ट्वीट किया है उसमें पीडि़ता के पिता सरकार और पुलिस द्वारा परिवार पर दवाब बनाने व घर में नजरबंद करने की बात कह रहे हैं। साथ ही उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
प्रियंका ने किया ट्वीट-
प्रियंका ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि ”हाथरस की बेटी के पिता का बयान सुनिए। उन्हें जबरदस्ती ले जाया गया। सीएम से वीसी (वीडियो कॉन्फ्रेंसिग) के नाम पर दबाव डाला गया। वो जांच की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। अभी पूरे परिवार को नजरबंद रखा है। बात करने पर मना है। क्या धमकाकर उन्हें चुप कराना चाहती है सरकार? अन्याय पर अन्याय हो रहा है।”
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गौरतलब है कि सीएम योगी ने बुधवार शाम को अपने आवास से मृतका के पिता से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने परिवार को 25 लाख रुपए, एक मकान व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। साथ ही मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलवाकर आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने का भरोसा दिलाया था।
एफएसएल की रिपोर्ट का हवाला
इस बीच यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने कहा है कि मेडिकल रिपोर्ट के बाद अब विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रिपोर्ट में भी रेप की पुष्टि नहीं हुई है। मेडिकल रिपोर्ट में भी रेप की पुष्टि नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि परिवारजनों की सहमति के बाद पीडि़ता का अंतिम संस्कार कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले की चोट और उसके कारण हुए ट्रॉमा को मौत का कारण बताया गया है। जो सैंपल इकट्ठा किए गए थे, उसमें किसी तरह का स्पर्म या शुक्राणु नहीं पाया गया है।’
जातीय हिंसा भड़काने वालों की पहचान होगी-
प्रशांत कुमार ने कहा, कुछ लोगों के द्वारा प्रदेश में गलत तरीके से जातीय तनाव पैदा करने के लिए इस तरह की चीजें कराई गईं। अब हम आगे की विधिक कार्रवाई करेंगे। जातीय हिंसा को भड़काने वालों की पहचान होगी।
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