हाथरस के उप जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि तीन प्रकार के मतदाता चुनाव में भाग लेते हैं। पहली श्रेणी में वो मतदाता होते हैं जो सेनाओं में बॉर्डर पर काम कर रहे होते हैं। दूसरी श्रेणी में वो मतदाता होते हैे जो विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में निर्वाचन की डयूटी करते हैं। तीसरी श्रेणी में आम मतदाता होते हैं। तीनों तरह की मतदाताओं के लिए अलग अलग तरह के बैलेट पेपर बनते हैं। पहली श्रेणी के मतदाता को सर्विस वोटर कहा जाता है। हाथरस लोकसभा सीट पर 6 हजार 803 पुरुष व 146 महिला मतदाता यानी कुल मिलाकर 6 हजार 949 सर्विस क्लास यानी पहली श्रेणी के मतदाता हैं।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार इस बार निर्वाचन आयोग ने पहली श्रेणी के सर्विस वोटरों को विशेष सुविधा मुहैया कराई है। इन्हें इलेक्ट्रॉनिकली बैलेट पेपर ट्रांसफर किया जाएगा। इसके लिए सेना मुख्यालयों से इनके नाम, ई-मेल एड्रेस मंगाए गए हैं। सेना मुख्यालयों को यहां से बैलेट पेपर ई-मेल के माध्यम से भेजा जाएगा। जब ई-मेल के माध्यम से उन्हें बैलेट पेपर प्राप्त होगा। उसके बाद दो तरह के लिफाफे उन्हें भेजे जात हैं, एक में इस बात की घोषणा होती है कि यह सैन्य सेवाओं में है, उनका कमांडिंग अफसर इस बात को प्रमणित करता है। दूसरे लिफाफे में वो अपना बैलेट पेपर इस्तेमाल करने के बाद उसमें रखते हैं। उन्होंने बताया दोनों लिफाफे डाक द्वारा भेजे जाते हैं। मतगणना की सुबह सात बजे तक जितने भी मतपत्र डाक से प्राप्त होते हैं उन्हें काउंटिंग में लिया जाता है। उनकी काउंटिंग सबसे पहले की जाती है।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी हाथरस ने बताया कि जांचने के लिए क्यूआर कोड की मदद ली जाएगी। ये वही बैलेट पेपर है, इसके लिए जो बैलेट पेपर ट्रांसफर किया जाएगा, उस पर एक यूनिक कोड (क्यूआर कोड) उत्पन्न होगा। बैलेट पेपर आने के बाद उस कोड को क्यूआर कोड रीडर से जांचा जाएगा। उसके बाद ही उन्हें जांच में शामिल किया जाएगा।
इसके अलावा निर्वाचन कार्य की सेवाओं में लगे मतदाताओं को दो प्रकार की मतदान करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इलेक्शन ड्यूटी सर्टिफिकेट देकर व पोस्टल बैलेट के माध्यम से। वहीं तीसरे प्रकार के सामान्य वोटर के लिए मतदान करने का तरीका सामान्य है। उन्हें मतदान केंद्रों पर जाकर वोट डालना होता है।