वे प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के अलीगढ़ रोड स्थित आनन्दपुरी कालोनी कालोनी में भोग दिवस पर आयोजित राजयोग कक्षा में ब्रह्मावत्सों को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि परमात्मा सर्वव्यापी नहीं, लेकिन सर्वशक्तिमानन है। इस संदर्भ में अपने भावों की अभिव्यक्ति करते हुए उन्होंने कहा कि गीता में महावाक्य है कि जब जब धर्म की ग्लानि होती है तब तब मैं आता हूँ और आकर सत्यधर्म की स्थापना और अधर्म का विनाश करता हूँ। इसका भावार्थ यह है कि वह सर्वव्यापी नहीं है। यदि सर्वव्यापी होते तो जिसके अन्दर वे होते वह भी सद्गुणी होता और धर्म की हानि न होती।
बीके शान्ता बहन ने कहा कि परमपिता परमात्मा कल्पान्त में जब सभी मनुष्यात्माएं काम , क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार के वशीभूत होती हैं, तब वह प्रजापिता ब्रह्मा के साधारण शरीर का आधार लेते हैं। उनके अवतरण का यादगार पर्व महाशिवरात्रि है। इससे भी सिद्ध होता है कि वह अवतरित होते हैं न कि सभी के अन्दर विराजमान हैं।
इस अवसर पर बी.के. कैप्टन अहसान सिंह, दाऊदयाल अग्रवाल, राकेश अग्रवाल, गिरीश अग्रवाल, मनोज कुमार, सन्ध्या अग्रवाल, शशि अग्रवाल, वेदवती, बी0के0 उमा बहिन, गजेन्द्र भाई, पन्ना लाल शर्मा, सीपी शर्मा, राजेश शर्मा आदि दर्जनों ब्रह्मावत्स उपस्थित थे।