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स्वास्थ्य

12 घंटे बाद होता है उपवास का असर

उपवास दो तरह से किया जाता है। पूर्ण व आंशिक उपवास। पूर्ण उपवास में पूरे समय कुछ नहीं खाया जाता और आंशिक में फलाहार किया जाता है।

Aug 07, 2017 / 07:38 pm

विकास गुप्ता

12 hours later the effect of fasting

अकसर लोग व्रत उपवास आदि रखते हैं और उपवास कितने समय तक किया जाए, यह सवाल अक्सर पूछा जाता है। सेहत के नजरिए से दीर्घावधि उपवास शरीर के लिए ठीक नहीं होता है। उपवास की अवधि इतनी होनी चाहिए कि शरीर में एकत्रित चर्बी गलने लगे। एक सामान्य व्यक्ति अपनी क्षमता के मुताबिक कई दिन तक उपवास कर सकता है, जैसे गांधी जी 32 दिनों तक उपवास किया करते थे। उपवास दो तरह से किया जाता है। पूर्ण व आंशिक उपवास। पूर्ण उपवास में पूरे समय कुछ नहीं खाया जाता और आंशिक में फलाहार किया जाता है। उपवास रखने का असर 12 घंटे बाद शुरू होता है, इसलिए वजन कम करने के लिए उपवास का समय डॉक्टर की सलाह से ही तय करें।

जीभ साफ करना जरूरी
जीभ की साफई करने के लिए भी उपवास किया जाता है। जीभ पर सफेद परत का मतलब है, पेट साफ नहीं है। गुलाबी रंग की जीभ पाचन तंत्र के दुरुस्त होने का प्रमाण है।

उपवास के फायदे
उपवास करने से पाचन तंत्र की गड़बड़ी दूर होती है, भूख खुल जाती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है। उपवास करने से शरीर में मौजूद सभी विषैले पदार्थ पेशाब और पसीने के रूप में बाहर निकल जाते हैं।

आप करें ऐसा उपवास
डायबिटीज, अल्सर, कमजोरी होने व ज्यादा बुजुर्ग लोगों को केवल आंशिक उपवास करना चाहिए।
ध्यान रखें
उपवास खोलने के लिए तले हुए आलू, हलवा और मिठाई जैसी गरिष्ठ चीजें न खाएं। गर्भवती महिलाओं को उपवास नहीं करना चाहिए क्योंकि इस दौरान उन्हें ज्यादा एनर्जी की जरूरत होती है। इस गर्भ के समय व्रत, उपवास आदि स बचना चाहिए।
विशेषज्ञ की राय
उपवास का समय व तरीका सभी के लिए अलग होता है, जैसे कब्ज की समस्या होने पर रोगी की शारीरिक व मानसिक जांच के बाद डॉक्टर उसे पपीता जूस या नींबू पानी से उपवास की सलाह देते हैं।

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