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स्वास्थ्य

शोपीस बनी पच्चीस लाख रुपए की मशीन, बाजार में रुपए खर्च कर करानी पड़ रही महिलाओं को जांच

सिविल अस्पताल की व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं आ पा रही हैं, कई वर्षों की मांग के बाद सोनेग्राफी मशीन आई और अब उसे चलाने वाला कोई नहीं है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

सागरApr 30, 2024 / 12:15 pm

sachendra tiwari

Machine worth twenty five lakh rupees became showpiece

अस्पताल में इलाज कराने आई महिलाएं

बीना. लंबे समय बाद सिविल अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी के लिए सिविल अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन नवंबर 23 में शुरू हो गई थी, लेकिन अभी तक एक महिला को भी इस सुविधा का लाभ नहीं मिला है। मजबूरी में गर्भवती महिलाओं को आठ सौ से एक हजार रुपए खर्च कर बाहर सोनोग्राफी करानी पड़ रही है।
25 लाख रुपए की लागत से आई सोनोग्राफी मशीन का शुभारंभ 28 नवंबर को हुआ था, लेकिन इस मशीन से आज तक एक भी जांच नहीं हुई है। जनवरी माह में स्त्री रोग विशेषज्ञ का निधन होने के बाद अभी तक स्वास्थ्य विभाग विशेषज्ञ नियुक्त नहीं करा पाया है, जिससे पांच माह बाद भी इस मशीन का लाभ महिलाओं को नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल की मशीन बंद होने के कारण बाजार से हजारों रुपए खर्च कर जांच करानी पड़ती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सिर्फ स्त्री रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति के प्रयास करने की बात कहते हैं। विशेषज्ञ न होने से गर्भवती महिलाओं के इलाज और प्रसव में भी परेशानी आती है, जिससे महिलाओं को निजी नर्सिंगहोम पर जाकर इलाज कराना पड़ रहा है।
हर महीने 200 से ज्यादा होते हैं प्रसव
सिविल अस्पताल में हर महीने 200 से ज्यादा प्रसव कराए जाते हैं, इनमें से प्रत्येक महिला को गर्भावस्था के दौरान कम से कम दो बार सोनोग्राफी करानी पड़ती है, इसमें कम से कम दो हजार रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। महिलाओं की परेशानी को देखते हुए सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, लेकिन मशीन आपरेट करने के लिए स्टाफ उपलब्ध न होने से इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
कर रहे हैं प्रयास
स्त्री रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति कराने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, जिससे सोनोग्राफी मशीन चालू हो सके और गर्भवती महिलाओं को अन्य जांचों की सुविधा मिल सके।
डॉ. अरविंद गौर, बीएमओ

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