भारत में पहली बार किन्नरों के लिए एक मॉडलिंग एजेंसी खुल रही है। जहां एलजीबीटी समुदाय अपने मानवाधिकार की रक्षा के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 377 हटवाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है ऐसे में यह किन्नरों के लिए एक बड़ी जीत हो सकती है।
इस एजेंसी का लक्ष्य शीर्ष के पांच किन्नर मॉडल्स का चुनाव कर उन्हें मुख्यधारा की मीडिया में काम दिलवाना है। इसके लिए वे पूरे भारत में ऑडिशन आयोजित करेंगे। इसके लिए उन्होंने फैशन स्टाइलिस्ट और फोटोग्राफर रिशी राज से हाथ मिलाया है। वे इन मॉडल्स को प्रमुख फैशन पत्रिकाओं में काम दिलवाएंगे।
दिल्ली की किन्नर कार्यकर्ता रुद्राणी क्षेत्री का कहना है कि उन्होंने कई सारी सुंदर किन्नरों को निराशा में बदसूरती का अहसास करते देखा है। उन्होंने बताया, “मैं भी उनमें से एक थी और जब मैं जवान थी तो मेरे पास ऐसा कोई विकल्प नहीं था। हमारे अंदर यह तीव्र भावना होती है कि मुख्यधारा का समाज हमें स्वीकार करे और हम भी वे सारे काम कर सकें जो दूसरे लोग करते हैं। मैं समझती हूं कि इस एजेंसी के खुलने से युवा किन्नर अपने सपनों को पूरा कर पाएंगे।”
क्षेत्री ने बताया, “हम इस उद्यम के लिए फंड इकट्ठा कर रहे हैं। ताकि हम अपने समुदाय के साथ काम कर सकें। हम पिछले आठ महीने से अपने कर्मियों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं। इसके अलावा हम यौन कर्मियों को कंडोम तक मुहैया नहीं करवा रहे हैं जबकि उन्हें सबसे ज्यादा खतरा होता है।”
मंगलवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा समलैंगिकता के मामले को बड़ी पीठ के हवाले करने के फैसले का एलजीबीटी समुदाय ने स्वागत किया है।
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