वायु प्रदूषण से केवल फेफड़ों की बीमारियां नहीं, बीपी भी बढ़ता है
पार्टिकुलेट मैटर के उच्च रक्तचाप पर प्रभाव का अल्पकालिक और दीर्घकालिक असर देखने को मिला है।

अमरीकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार वायु प्रदूषण से फेफड़ों की बीमारी के साथ हाई बीपी का भी खतरा रहता है। भारत में हुए अध्ययन के अनुसार लंबे समय तक वायु में मौजूद 2.5 पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) के बीच रहने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। पार्टिकुलेट मैटर के उच्च रक्तचाप पर प्रभाव का अल्पकालिक और दीर्घकालिक असर देखने को मिला है। सेंटर फॉर क्रॉनिक डिजीज कंट्रोल, अमरीका के अनुसार ज्यादा वजनी लोगों पर वायु प्रदूषण का असर ज्यादा होता है। वायु प्रदूषण से केवल फेफड़ों की बीमारियां नहीं, बीपी भी बढ़ता है.
एक्सपर्ट कमेंट : आर्काइव्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन' के अनुसार सप्ताह में तीन दिन तक आधे-आधे घंटे के लिए दोपहर में झपकी लेना फायदेमंद है लेकिन एक घंटे से अधिक सोने से शरीर में सुस्ती और शुगर की मात्रा बढ़ती है। इससे कैलोरी बर्न नहीं होती व फैट बढऩे लगता है। लंबे समय बाद हृदय पर असर पड़ता है।
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