आचार्य बालकृष्ण के अनुसार ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ में अश्वगंधा, गिलोय, अणु तेल, श्वसारि रस और तुलसी जैसी औषधिक जड़ी-बूटियों को मिलाया गया है। उनके मुताबिक कोरोना से संक्रमित जिन मरीजों पर इस दवा को लेकर क्लिनिकल ट्रायल हुए उनमें 100 प्रतिशत नतीजे देखने को मिले हैं।
उन्होंने दावा किया है कि इस दवा के सेवन से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज 5 से 14 दिनों के भीतर स्वस्थ हो जाएंगे। बालकृष्ण के मुताबिक कोरोनिल दवा का सेवन सुबह और शाम में एक-एक बार किया जा सकता है। उनके अनुसार इस दवा में मौजूद अश्वगंधा इस वायरस के रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन को बॉडी के एंजियोटेंसिन कनवर्टिंग एंजाइम में मिलने से रोकता है। वहीं, गिलोय भी इंफेक्शन को कम करने में मददगार है।