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स्वास्थ्य

वायु प्रदूषण की वजह से भी कमजोर होती हैं हड्डियां

वैसे तो हड्डियों का कमजोर होना उम्र से जुड़ी एक प्रक्रिया है, लेकिन वायु प्रदूषण की वजह से भी कमजोर होती हैं। हड्डियों की बीमारियां और फ्रैक्चर की आशंका अधिक होती है। इसलिए वायु प्रदूषण से सुरक्षित रखें।

जयपुरNov 02, 2018 / 08:07 pm

Ramesh Singh

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वायु प्रदूषण की वजह से भी कमजोर होती हैं हड्डियां

जयपुर. वैसे तो हड्डियों का कमजोर होना उम्र से जुड़ी एक प्रक्रिया है, लेकिन वायु प्रदूषण की वजह से भी कमजोर होती हैं। ऐसा माना जाता है कि 50 से 60 की उम्र के बाद हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, ज्यादातर लोगों को इसके कारण जोड़ों के दर्द, ऑर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हड्डियों के कमजोर होने के कारण हड्डियों की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। ऐसी कई बीमारियां हैं, जिनका असर हमारी हड्डियों पर पड़ता है लेकिन अक्सर लोग इनके बीच का अंतर नहीं समझ पाते। विशेषज्ञों से ऑर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोस जैसी हड्डी की बीमारियों के बीच अंतर के बारे में बातचीत की।

समय के साथ हड्डियों की डेनसिटी (घनत्व) कम होता

ऑर्थराइटिस में तकरीबन 100 तरह की हड्डियों की बीमारियां शामिल हैं। ऑर्थराइटिस के कारण होने वाला दर्द हल्का या बहुत तेज हो सकता है। इसका लक्षण है जोड़ों में अकडऩ, सूजन और चलने-फिरने में परेशानी। वहीं ऑस्टियोपोरोसिस में समय के साथ हड्डियों की डेनसिटी (घनत्व) कम हो जाता है। हड्डियों के ट्श्यिूज नियमित रूप से नवीनीकृत होते रहते हैं। हालांकि जब यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है तो हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इनमें फ्रैक्चर की आशंका बढ़ जाती है।
मेनोपॉज के बाद बढ़ती दिक्कत
ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण बहुत हल्के या बहुत गंभीर हो सकते हैं। इसके कारण कभी-कभी व्यक्ति की ऊंचाई भी कम हो जाती है। गर्दन या पीठ के नीचले हिस्से में दर्द होना इसका आम लक्षण है। पुरुषों और महिलाओं पर इसके पडऩे वाले प्रभाव के बारे में उन्होंने कहा 50-55 साल की उम्र तक पुरुषों में इसकी आंशका अधिक होती है लेकिन मेनोपॉज के बाद महिलाओं में इन बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। महिलाओं का हॉर्मोन एस्ट्रोजन हड्डियों के कार्टिलेज को सुरक्षित रखता है और हड्डियों में होने वाली टूट-फूट की मरम्मत करता रहता है लेकिन मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे ऑर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना बढ़ जाती है।
वायु प्रदूषण से सुरक्षित रखें

प्रदूषण के कारण हड्डियों के कमजोर होने की आशंका बढ़ जाती है। बुजुर्ग जो वाहनों एवं उद्योगों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण के संपर्क में रहते हैं उनमें हड्डियों की बीमारियां और फ्रैक्चर की आशंका अधिक होती है। इसलिए वायु प्रदूषण से सुरक्षित रखें।
ऐसे बच सकते हैं बीमारी से
हड्डियों की बीमारियों से बचने के लिए आहार में कैल्शियम से युक्त खाद्य पदार्थो का सेवन करें। डेयरी उत्पादों जैसे दूध, दही, चीज तथा हरी सब्जियों जैसे पालक, ब्रॉकली आदि लें। इसमें कैल्शियन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन डी कैल्शियम को अवशोषित करने के लिए जरूरी है। शरीर में विटामिन डी की कमी है तो कैल्शियम युक्त आहार लेने का भी कोई फायदा नहीं, क्योंकि विटामिन डी न होने के कारण शरीर कैल्शियम को अवशोषित नहीं कर पाएगा।
धूम्रपान भी डालता असर
धूम्रपान और ज्यादा शराब का सेवन न करें, क्योंकि इनका बुरा असर हड्डियों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। गतिहीन जीवनशैली से बचें। व्यायाम नहीं करने का बुरा असर हड्डियों पर पड़ता है। नियमित व्यायाम जैसे सैर करना, जॉगिंग करना, नाचना, एरोबिक्स, खेल आदि आपकी हड्डियों को मजबूत बनाए रखते हैं।

-डॉ. अश्विनी माथुर, ऑर्थोपेडिक सर्जन, जयपुर

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