कोविड-19 के कारण गर्भवती पर तनाव होना स्वभाविक है लेकिन परेशान होने की जरूरत नहीं है। अधिकतर हॉस्पिटल्स में सामान्य प्रसव की व्यवस्था है। तनाव के कारण गर्भवती और उसके भ्रूण दोनों पर असर होगा। मां का तनाव बच्चे में पहुंच जाता है। प्रीम्चयोर बर्थ, ट्रॉमा, बाद में बच्चे को डिप्रेशन, स्टे्रस और एंग्जायटी, सिजोफ्रेनिया आदि की समस्या हो सकती है। शिशु के बड़े होने पर भी कई परेशानियां हो सकती हैं।
सावधानी से कराएं स्तनपान
अभी तक ऐसी कोई सूचना नहीं है कि स्तनपान से कोरोना फैलता है।
मां बच्चे को छूने से पहले और बाद में अपने हाथों को अच्छे से धोए। मां मास्क पहनकर ही दूध पिलाए। छींकते समय दूसरी तरफ मुंह कर लें। बच्चे को हर जगह छूने से बचें। अगर कोरोना पॉजेटिव या संदिग्ध है तो दूध पंप से निकलकर शिशु को पिलाया जाए।
अभी कंसीव करने से बचें
कुछ महिलाओं का कंसीव करने का प्लान पहले से था। ऐसी महिलाओं के लिए सलाह है कि अभी कोरोना को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। अच्छा होगा कि कंसीव होने की प्लानिंग को कुछ दिनों के लिए टाल दें।
सावधानी से कराएं स्तनपान
अभी तक ऐसी कोई सूचना नहीं है कि स्तनपान से कोरोना फैलता है।
मां बच्चे को छूने से पहले और बाद में अपने हाथों को अच्छे से धोए। मां मास्क पहनकर ही दूध पिलाए। छींकते समय दूसरी तरफ मुंह कर लें। बच्चे को हर जगह छूने से बचें। अगर कोरोना पॉजेटिव या संदिग्ध है तो दूध पंप से निकलकर शिशु को पिलाया जाए।
अभी कंसीव करने से बचें
कुछ महिलाओं का कंसीव करने का प्लान पहले से था। ऐसी महिलाओं के लिए सलाह है कि अभी कोरोना को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। अच्छा होगा कि कंसीव होने की प्लानिंग को कुछ दिनों के लिए टाल दें।