अध्ययन के निष्कर्ष से पता चलता है कि जन्म के समय वजन कम रहने से वास्तव में डाइबीटिज टाइप 2 होने का खतरा बहुत ज्यादा बढ जाता है। अमेरिका के तुलान विश्वविद्यालय के तियांजे वांग ने कहा सामान्यतः जन्म के समय कम वजन का संबंध टाइप.2 डाइबीटिज की सुग्राह्यता बढ़ने से है। भ्रूण का विकास सीमित होना जन्म के समय वजन कम होने का कारण हो सकता है।
यह ऐसी हालत होती है जिसमें गर्भ में पल रहा बच्चा जितना बड़ा होना चाहिए उससे छोटा होता है क्योंकि गर्भ में उसका सामान्य दर से विकास नहीं होता। इस तरह के सीमित भ्रूणीय विकास से जन्म के समय वजह कम होता है और इसकी वजह से टाइप.2 डाइबीटिज होने का खतरा होता है।
गर्भाशय के अंदर इस तरह के सीमित विकास में कुपोषण रक्त की कमी संक्रमण और गर्भनाल के अभाव का खतरा भी रहता है। वांग ने कहा हमारे निष्कर्ष जन्म के समय वज़न और टाइप.2 डाइबीटिज़ के खतरे के कारण बताने वाले संबंध का समर्थन करते हैं। इस अध्ययन में 3627 टाइप 2 डाइबीटिज़ के और 12 हजार 974 नियंत्रण वाले मामले थे। इससे पाया गया कि टाइप.2 डाइबीटिज़ होने का खतरा छह फीसदी तक बढ़ गया।