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स्वास्थ्य

डायबिटीज, गठिया या कैंसर से भी लार ग्रंथियों में होता है संक्रमण

शरीर को सेहतमंद रखने के लिए जो भी हम खाते हैं वह मुंह से पेट व आंतों तक पहुंचता है। लार खाने को पचाने का मुख्य काम करती है। पाचन के लिए बेहद जरूरी है। जानते हैं शरीर में लार की और क्या-क्या उपयोगिता है।

Oct 26, 2018 / 07:54 pm

Ramesh Singh

saliva

डायबिटीज, गठिया या कैंसर से भी लार ग्रंथियों में होता है संक्रमण

जयपुर। हमारी लार (सलाइवा) 98 प्रतिशत पानी और दो प्रतिशत यौगिक तत्त्व जैसे इलेक्ट्रोलाइट और पाचक एंजाइम्स से युक्त होती है। प्रमुख तीन ग्रंथियां (पैरोटिड, सबमैंडिबुलर और सबलिंगुअल) लार का निर्माण करती हैं। ये चेहरे के दोनों तरफ होती हैं। इसके साथ ही 500 से एक हजार छोटी-छोटी ग्रंथियां होती हैं जो मुंह के अंदरुनी भाग, जीभ, होंठ, गले आदि में होती है। ये थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लार बनाती रहती हैं।
भोजन पचाने में जरूरी

लार भोजन को पचाने में अहम भूमिका निभाती है। यह भोजन को गीला व मुलायम करने, इकट्ठा करने व निगलने में मदद करती है। इसमें पाए जाने वाले अमाइलेज एंजाइम्स मुंह से ही भोजन को पचाने की प्रक्रिया शुरू कर देते हैं। इसमें ऐसे एंटीजन्स भी होते हैैं जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
इन जांचों से करते पहचान

ओटोलैरिंगोलॉजिस्ट लार संबंधी परेशानी का इलाज करते हैं। वे इलाज से पहले एफिनेसी टेस्ट, सीटी स्कैन, एक्स-रे, एमआरआई जांच करवाते हैं। चिकित्सक मरीज की दिक्कत और रिपोर्ट के अनुसार बीमारी की पहचान कर इलाज करते हैं।
स्टोन, गांठें बनने के लक्षण

लार ग्रंथि में संक्रमण, स्टोन बनने, बैक्टीरियल व वायरल इंफेक्शन से लार ग्रंथियों में सूजन व दर्द होता है। मुंह में छाले हो सकते हैं। लार कम बनती है। ग्रंथि में स्टोन बनने से मुंह में खुलने वाली नलियां ब्लॉक हो जाती हैं। लार कम बनने से मुंह सूखने लगता है। कुछ मामलों में डायबिटीज, किडनी में दिक्कत, ब्लड कैंसर, जोड़ों की तकलीफ, मम्प्स, गठिया आदि में चेहरे पर दोनों तरफ की लार ग्रंथियों में इंफेक्शन के कारण सूजन आ जाती है। सामान्य या कैंसर की गांठों के कारण भी सूजन आती है।
ग्रंथियों पर असर होने से होते ये लक्षण महसूस

संक्रमण, गांठ बनने के अलावा किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर मुंह के अंदरुनी भाग से सूजन आती है। बाहरी लक्षण के रूप से मुंह पर कानों के पास सूजन आती है। मासंपेशियों के कमजोर होने से जबड़े, आसपास के हिस्से में दर्द होता है। कुछ भी खाने या निगलने में तकलीफ होती है। प्रभावित हिस्से पर सुन्नपन व मुुंह का सूखना शामिल है। इस कारण खाने में स्वाद नहीं आता है।
सोते समय लार गिरना समस्या

अक्सर लोग बोलते और सोते समय लार गिरने की शिकायत करते हैं। ऐसा लार के अधिक बनने से होता है। कई कारणों से ऐसा होता है। जिसमें पेन्क्रिएटाइटिस, लिवर डिजीज, ओरल इंफेक्शन, गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स शामिल हैं। इसे नजरअंदाज न करें। बीमारी की पहचान के लिए जांच कर इलाज कराना चाहिए।
गांठ कैंसर की या सामान्य भी हो सकती

किसी भी प्रकार का संक्रमण होने पर मरीज को एंटीबायोटिक्स दवाएं देते हैं। नॉन कैंसरस गांठ की स्थिति में सर्जरी कर उसे हटाते हैं। वहीं, कैंसर की गांठ होने पर रेडियोथैरेपी के अलावा कई बार सर्जरी भी करते हैं।
बार-बार थूकने की आदत सही नहीं

बार-बार थूकने की आदत गलत होती है। इससे मुंह में लार की कमी आ जाती है, जिससे शरीर में जरूरी एंजाइम्स का कमी होने लगती है।

-डॉ. पवन सिंघल, ईएनटी रोग विशेषज्ञ, एसएमएस अस्पताल, जयपुर

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