स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय इंसान का शरीर बेहद कमजोर होता है। वहीं अगर वह पहले से ही किसी गंभीर समस्या से ग्रसित है तो उसकी परेशानी और बढ़ जाती है। कई रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि अस्थमा के अटैक का खतरा दिन के आम वक्त की अपेक्षा 3 से 4 के बीच 300 गुना ज्यादा होता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस वक्त एड्रेनेलिन और एंटी-इंफ्लेमेटरी हार्मोंस का उत्सर्जन शरीर में बहुत घट जाता है, जिसके चलते शरीर में श्वसनतंत्र बहुत ज्यादा सिकुड़ जाता है। इसके साथ ही इस वक्त दिन की अपेक्षा ब्लडप्रेशर भी सबसे कम होता है, यह भी एक वजह है कि सवेरे 4 बजे सबसे ज्यादा लोगों की मौतें होती हैं।