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स्वास्थ्य

सुकून की नींद, सटीक यादें: 30 में सोएंगे चैन से, 40 में यादें रहेंगी बेधड़क!

सोने के सही घंटों को लेकर हमेशा बहस चलती रहती है. पर अब, जानकार कह रहे हैं कि सिर्फ घंटों का ही नहीं, बल्कि नींद की गुणवत्ता का भी बहुत महत्व है. हालिया शोध में चौंकाने वाली बात सामने आई है कि 30 और 40 की उम्र में टूटी-फूटी नींद का असर दस साल बाद याददाश्त और दिमागी काम पर पड़ सकता है!

Jan 05, 2024 / 05:56 pm

Manoj Kumar

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सोने के सही घंटों को लेकर हमेशा बहस चलती रहती है. पर अब, जानकार कह रहे हैं कि सिर्फ घंटों का ही नहीं, बल्कि नींद की गुणवत्ता का भी बहुत महत्व है. हालिया शोध में चौंकाने वाली बात सामने आई है कि 30 और 40 की उम्र में टूटी-फूटी नींद का असर दस साल बाद याददाश्त और दिमागी काम पर पड़ सकता है!

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"न्यूरोलॉजी" नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में 11 साल तक 526 लोगों (औसत उम्र 40 साल) को शामिल किया गया. अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों की नींद टूटती है, उनके दिमागी कार्यों में कमजोरी का खतरा उन लोगों से दोगुना होता है, जो अच्छी नींद लेते हैं. उम्र, लिंग, जाति और शिक्षा का असर भी इस पर पड़ा.

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अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. यू लेन ने कहा, "यह समझना बहुत जरूरी है कि जीवन में पहले से ही नींद और दिमाग के बीच के रिश्ते को समझें, खासकर इसलिए क्योंकि अल्जाइमर के लक्षण दिमाग में सालों पहले ही दिखने लगते हैं, जबकि बीमारी के लक्षणों का पता चलने में वक्त लगता है."

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अध्ययन में लोगों के सोने के पैटर्न को अलग-अलग तरीकों से जांचा गया, जैसे कलाई पर पहने जाने वाले डिवाइस, नींद डायरी और नींद की गुणवत्ता के बारे में सवाल. औसतन छह घंटे सोने के बावजूद, 46% लोगों ने खराब नींद की समस्या बताई. शोध में पाया गया कि औसतन लोगों की नींद में 19% तक खलल पड़ता था.

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डॉ. लेन ने आगे कहा कि नींद की समस्या और दिमागी काम के बीच के रिश्ते को अलग-अलग उम्र में समझने की जरूरत है. अध्ययन की सीमाएं भी स्वीकार की गईं, जिसमें कम लोगों की संख्या और नस्ली या लैंगिक अंतरों को शामिल नहीं किया गया था.

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हालांकि, यह अध्ययन एक अहम संकेत देता है कि 30-40 की उम्र में नींद का ध्यान रखना कितना जरूरी है. अच्छी नींद न सिर्फ तरोताजा रखती है, बल्कि भविष्य में दिमागी सेहत को भी दुरुस्त रख सकती है. तो अपनी नींद को प्राथमिकता दें, एक शांत वातावरण में सोने की कोशिश करें और अगर जरूरी हो तो सोने के डॉक्टर से भी सलाह लें. आखिर, अच्छी याददाश्त और तेज दिमाग हर किसी की ख्वाहिश होती है!

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