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स्वास्थ्य

एक्सट्रा नमक बढ़ाता दिल पर दोगुना खतरा

चुटकीभर नमक हमारे खाने का टेस्ट बढ़ा देता है। लेकिन जरूरत से ज्यादा खाने में इसकी मात्रा कई दिक्कतें पैदा करती है। जानते हैं अधिक…

Mar 02, 2018 / 05:15 am

मुकेश शर्मा

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चुटकीभर नमक हमारे खाने का टेस्ट बढ़ा देता है। लेकिन जरूरत से ज्यादा खाने में इसकी मात्रा कई दिक्कतें पैदा करती है। जानते हैं अधिक नमक से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में…

न मक शरीर के लिए जरूरी सोडियम और क्लोराइड का सबसे सामान्य और महत्त्वपूर्ण साधन है। एक तरफ जहां नमक से खाने में स्वाद बढ़ता है। वहीं दूसरी ओर नमक का अतिरिक्त प्रयोग करने से हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्परिणाम भी दिखाई देते हैं, इसमें उच्च रक्तचाप के अलावा और हड्डियों की कमजोरी व पेट के कैंसर शामिल हैं।


बनता है उच्च तनाव का कारण

 

आंकड़े बताते हैं कि विश्वभर में हर साल 25 लाख लोग हृदय संबंधी रोगों से मौत के मुंह में समा रहे हैं। यह भारत के संदर्भ में बहुत ही प्रासंगिक है क्योंकि हम अपने खानपान को ज्यादा तरजीह देते हैं। इसी साल वल्र्ड हार्ट फेडरेशन द्वारा आयोजित वल्र्ड कांग्रेस ऑफ कार्डियोलॉजी में नमक के ज्यादा प्रयोग से दुष्परिणामों के बारे में बताया गया। ये आंकड़े बताते हैं कि हर साल हृदय की बीमारियों से मरने वाले 1.73 करोड़ में से आधे यानी 94 लाख लोग (५४ फीसदी) उच्च तनाव से पीडि़त थे।


25 लाख लोगों की मौत विश्व में हर साल हृदय से जुड़े रोगों के कारण होती है।

ज्यादा नमक से लाखों की मौत

हाल ही 187 देशों की जनसंख्याओं पर किए गए अध्ययन से पता चला कि 17 लाख मृत्यु भोजन में ज्यादा नमक के कारण हुईं। भारत इन्हीं देशों में से एक है, जहां पर नमक का खाने में उपयोग ज्यादा हो रहा है। यह स्थिति दोहरी चिंता का विषय है क्योंकि भारत में टाइप-2 के मधुमेह रोगी हैं जो अपने खाने में ज्यादा नमक का इस्तेमाल करते हैं और उनमें हार्ट अटैक आने का खतरा दोगुना होता है।

अन्य देश खतरे के प्रति गंभीर

स्वास्थ्य विशेषज्ञ 1970 से नमक के कम उपयोग पर जोर देते आ रहे हैं, लेकिन इस दिशा में खास तरक्की नहीं हुई है। खतरे की घंटी बजने के कारण इन दिनों कई देश इसे सख्ती से लागू करने पर विचार कर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका ने 2013 में कानून पास कर ब्रेड और दूसरे प्रसंस्कृति खाद्यान्नों के लिए नमक की अधिकतम मात्रा तय कर दी है। सरकार ने इसे 2020 तक प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 5 ग्राम तक कम करने का लक्ष्य रखा है।

१७ लाख मृत्यु ज्यादा नमक के कारण हुईं १८७ देशों में

२०१३ में कानून पास कर नमक की मात्रा तय कर दी है दक्षिण अफ्रीका ने

नहीं लें पांच ग्राम से ज्यादा नमक

भारत जैसे देश में जहां हमारी संस्कृति अचार, पापड़ जैसे तैलीय खाद्य पदार्थों पर ज्यादा टिकी है। ऐसे में हमें खाद्यपदार्थों के प्रति ज्यादा सख्त और सावधान होना पड़ेगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि हर चार में से एक भारतीय उच्च रक्तचाप से पीडि़त है। ऐसे में आसानी से समझा जा सकता है कि यह समस्या भारत में कितनी विकराल है।

आदर्श रूप से एक वयस्क को रोजाना पांच ग्राम से ज्यादा नमक प्रति दिन नहीं खाना चाहिए। यह एक चम्मच से भी कम होता है। फिर भी बहुत सारे देशों में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 9 से 12 ग्राम नमक की खपत हो जाती है। नमक की सारी मात्रा हमें हमारे खाद्य पदार्थों से ही मिलती है। एक अनुमान के मुताबिक, शरीर में जो नमक पहुंचता है उसका 75 फीसदी हिस्सा प्रसंस्कृति खाद्यों जैसे कि ब्रेड, ब्रेकफास्ट तथा दूसरे मांसाहार से मिलता है।

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