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स्वास्थ्य

हाई बीपी के मरीजों के लिए लाभदायक है हरी सब्जियों का सेवन

एक अनुमान के मुताबिक विश्वभर में करीब एक अरब से ज्यादा लोग अति तनाव से गुजर रहे हैं। यह पूरी दुनिया के लिए बेहद चिंता की बात है।

Jul 13, 2017 / 07:56 pm

विकास गुप्ता

green vegetables

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विश्व की बढ़ती जनसंख्या के साथ हृदय से जुड़ी बीमारियों की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। पूरे विश्व में बीमारियों जैसे हृदयाघात, दिल का फेल होना या इससे संबंधित दूसरी बीमारियां समय से पहले मौत के आने का एक बड़ा कारण बन चुकी हैं। भारत विश्व में असंक्रमित रोगों की राजधानी बन रहा है। 

बीमारी का कारण
अति तनाव उच्च रक्तचाप को जन्म देता है। इसमें रक्त का दबाव लगातार 140/90 एमएम एचजी के स्तर से ज्यादा रहता है। उम्र बढऩे के साथ हाईबीपी एक बड़ी समस्या बन जाती है। 60 से 69 साल के लोगों में यह 50 फीसदी पाया जाता है और 70 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों में यह 73 फीसदी हो जाता है। 55 साल के पुरुष और 65 साल की महिलाएं जिनमें कभी अति तनाव के लक्षण नहीं मिले, भविष्य में 90 फीसदी लोग इस बीमारी के जोखिम में घिर गए। विश्वभर के अनुमान बताते हैं कि करीब एक अरब से ज्यादा लोग ज्यादा तनाव से गुजर रहे हैं, जो हर साल 71 लाख लोगों की मौत का कारण बन रहा है। इस बीमारी से गुजर रहे व्यक्ति में कोई खास लक्षण नहीं दिखाई देते और ज्यादातर लोगों में इसका पता काफी देरी से चलता है। ये दिक्कतें भविष्य में हृदयाघात, किडनी के रोग व आंखों की रोशनी चली जाने जैसी समस्याओं का कारण बनती हैं।

अति तनाव से हृदय प्रभावित 
अ ति तनाव हृदय की धमनियों को सख्त या मोटा कर सकता है। जिससे शरीर में रक्त की आपूर्ति बाधित हो जाती है और हृदय से जुड़े रोगों की आशंका बढ़ जाती है। हाईबीपी हृदय पर काम करने का दबाव डालता है। इससे धीरे-धीरे यह कमजोर होने लगता है और आगे चलकर काम करना बंद कर देता है, जिसे हार्ट फेल होना कहते हैं। अनियमित रक्तचाप 50 फीसदी हृदय के रोगों के लिए जिम्मेदार होता है। इसे नियंत्रित करने के लिए संतुलित जीवनशैली और खानपान होना बेहद जरूरी है। 

कुछ खास तरीकों से करें अति तनाव का उपचार 
सु निश्चित करें कि रक्तचाप 140/90 एमएम एचजी के नीचे रहे। अगर सिस्टोलिक (ऊपर वाला) 140 से ज्यादा है तो डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर के अनुसार उच्च रक्तचाप की दवा भी लीजिए। शरीर का अधिक वजन होना उच्च रक्तचाप का बड़ा कारण है। ऐसा हो तो बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) पता कीजिए। अगर बीएमआई औसत दायरे से ज्यादा है या आपकी कमर का नाप 35 इंच (महिलाओं का) और 40 इंच (पुरुषों का) है तो आपका वजन ज्यादा है और अगर आप अपना वजन कम करते हैं तो इससे उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम करने में मदद मिलेगी।

कम वसा वाले फूड खाएं
आ प अपने मौसमी खाद्य पदार्थों जिन्हें आप घर पर बनाते हैं उसमें नमक की बजाय मसालों और जड़ी बूटियों का इस्तेमाल कीजिए। ज्यादा से ज्यादा फल, हरी सब्जियां, अनाज के दाने और कम वसा वाले खाद्य पदार्थ को डाइट में शामिल करें। एंटी हाइपर टेंसिव थैरेपी हृदयाघात को 20-25 फीसदी तक रोकने में सहायक सिद्ध हुई है और दिल के फेल होने के संदर्भ में इसकी सफलता की दर 50 फीसदी रही है। इसलिए जल्द से जल्द अपनी बिगड़ी जीवनलशैली को बदलें और खानपान पर ध्यान दें।

नमक कम खाएं
आ प व्यायाम के अलावा खानपान में कम नमक लें। एक दिन में नमक की 6 ग्राम (एक चम्मच) से ज्यादा मात्रा न लें। सभी डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों से परहेज करें क्योंकि इनमें सोडियम प्रचुर मात्रा में होता है। इसके अलावा रोजाना आधे घंटे छोटे-मोटे अभ्यास जैसे टहलना, जॉगिंग आदि शुरू कीजिए। आप चाहें तो आधे घंटे का अभ्यास 10-10 मिनट के तीन चरणों में भी अपनी सुविधानुसार कर सकते हैं। 

प्रतिदिन चलें एक किलोमीटर
ह में एक किलोमीटर रोज पैदल चलना चाहिए। ज्यादातर लोग सुबह कसरत नहीं करते, लेकिन आप इसकी शुरुआत कर दें। शारीरिक क्रियाकलाप वजन को नियंत्रित करने में सहायक होता है। यह आगे चलकर आपको उच्च रक्तदाब, उच्च कोलेस्ट्रॉल या मधुमेह जैसी बीमारियों से बचा सकता है।

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