कई बार होता है कि हम खुद पर ही गुस्सा करने लगते हैं। इसका नुकसान तन के साथ मन को भी भुगतना पड़ता है। सवालों के जवाब देकर खुद को भी परख लीजिए?
1. पसंद-नापसंद करने के फैसले में दिमाग से ज्यादा दिल की सुनते हैं? अ: हां ब: नहीं 2. पसंद या नापसंद के फैसले की घड़ी में अक्सर नापसंद का साथ देते हैं? अ: हां ब: नहीं 3. हैल्दी खाने, एक्सरसाइज करने या जल्दी उठने में नापसंदगी आपको अच्छी लगती है? अ: हां ब: नहीं
4. कई बार आप सिर्फ अपने दूसरे अहं को संतुष्ट करने के लिए भी खुद को नापसंद करते हैं? अ: हां ब: नहीं 5. मानते हैं, हमेशा पसंद उसे करना चाहिए जो मन को भाता हो ? अ: हां ब: नहीं
6. आपके अनुभवों में नापसंदगी भरी पड़ी है व यह नफरत बन चुकी है? अ: हां ब: नहीं 7. अपनी अच्छी बातों को नापसंद करने की आदत बदलना चाहते हैं, पर हिम्मत नहीं जुटा पाते? अ: हां ब: नहीं
8. नापसंदगी के पीछे खुद को छुपाए रखने या त्याग न करने की भावना होती है? अ: सहमत ब: असहमत 9. खुद या किसी और को नापसंद करने की आदत कब, क्यों और कैसे लगी, आपको पता नहीं? अ : हां ब : नहीं
स्कोर और एनालिसिस आपकी सेहत नफरत के रास्ते पर हैं: अगर आप छह या उससे ज्यादा विचारों से सहमत हैं तो आपकी नापसंदगी की आदत वाकई एक गलती है। आपको अपने चुनाव में पसंद व नापसंद की सही और संतुलित तुलना करके सेहत और जीवन मूल्यों को दांव पर न लगाते हुए फैसला करना चाहिए। आपकी सेहत प्रेम के रास्ते पर हैं: यदि आप छह या उससेे ज्यादा विचारों से असहमत हैं तो निश्चित रूप से आपकी पसंद, नापसंदगी की आदत पर भारी है। आप त्याग करने में, छोडऩे में और माफ करने में यकीन रखने वाले इंसान हैं।