लहसुन खाते समय बासी सब्जी, चपाती या अन्य कोई खाद्य सामग्री न खाएं। हाल ही सर्जरी हुई हो या एलर्जी है तो इसे न खाएं, ये रक्तस्त्राव की वजह बन सकता है। दस लहसुन की कलियां, एक चम्मच देसी घी व थोड़ा शहद मिलाकर रोज खा सकते हैं। ध्यान रहे लहसुन भोजन के पच जाने पर ही खाएं।
इन रोगों में लाभ हड्डी अपनी जगह से खिसक जाए या टूट जाए व अन्य अस्थि रोग, महिलाओं की समस्या, चक्कर आना, खांसी, त्वचा संबंधी रोग, पेट में कीड़े होना, त्वचा की रंगत में बदलाव, श्वास रोग, रात के समय दिखाई न देना, पुराना बुखार, शरीर में जकडऩ, पथरी, ल्यूकोरिया, यूरिन में जलन, प्लीहा रोग, गठिया आदि में लहसुन को रोजाना खाने से फायदा होता है।
सर्दी के मौसम में लहसुन का प्रयोग व्यक्ति को निरोगी रखकर आयु में वृद्धि करता है। इससे भूख बढऩे के साथ याददाश्त और सोचने-समझने की क्षमता में भी इजाफा होता है। त्वचा की चमक और रंगत में सुधार करने के अलावा यह बालों को मजबूती भी देता है।
कुष्ठ रोगी, श्वास, प्लीहा व अर्श के रोगियों को लहसुन खाने के बाद पानी नहीं पीना चाहिए। ये मरीज लहसुन खाने के बाद कुछ दिन दाल के पानी का प्रयोग करें। अगर कच्चा लहसुन न खा पाएं तो इसे घी में भूनकर या इसकी पत्तियों की पकौडिय़ां बना लें।
प्रो. अनूप कुमार गक्खड़, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, हरिद्वार