जानकारों के अनुसार नाखूनों के बदलते रंग और उनके हालात से स्वास्थ्य का पता लगाया जा सकता है। नाखून से जुड़े चिकित्सा विज्ञान का इतिहास काफी प्राचीन है। सालों पहले जब आधुनिक चिकित्सा पद्धति नहीं थी। तब नाखून देखकर ही वैध और हकीम बीमारियों का पता लगा लेते थे।
मोटे और बेजान नाखून- चिकित्सकों के अनुसार काफी मोटे तथा बेजान नजर आने वाले नाखून सिरोसिस और फंगल इन्फेक्शन का इशारा करते हैं। शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति कम होने, बालों के गिरने, सफेद होने की स्थिति में नाखून इस प्रकार के नजर आते हैं।
ह्रदय रोग में मुड़ जाते हैं नाखून- हृदय रोग से पीड़ित और शुगर की समस्या से प्रभावित लोगों के नाखून मुड़े हुए नजर आते हैं। नाखूनों में सफेद रंग की धारियां व उन पर नजर आ रही रेखाएं किडनी रोगों का भी संकेत देती है। शुगर से पीड़ित लोगों के नाखून सफेद व गुलाबी रेखाओं के साथ नजर आते हैं।
त्वचा के कारण भी संक्रमित होते हैं नाखून- अगर आपकी त्वचा में किसी प्रकार का संक्रमण है और आप नाखूनों से उन्हें खुजाते हैं। तो भी नाखून संक्रमित होने की संभावना रहती है। नाखूनों का रंग परिवर्तित होना फंगल इंफेक्शन हो सकता है। इसमें नाखून सफेद और पीले रंग के नजर आते हैं। संक्रमण बढ़ने पर नाखूनों का रंग भी बदल जाता है और यह नाखून पतले और नुकीले होने लगते हैं।
पैरों के नाखूनों का एक साल में होता उपचार- नाखूनों में हुए संक्रमण का उपचार काफी लंबा चलता है। अगर आपके हाथ के नाखूनों में संक्रमण हुआ है, तो उसे ठीक होने में करीब 6 माह से अधिक समय लग जाता है। वहीं पैरों के नाखूनों में संक्रमण होता है तो उसे ठीक होने में एक साल भी लग जाता है। कई बार ऐसी स्थिति भी बन जाती है कि नाखूनों को निकालना भी पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि अगर कोई भी छोटा मोटा संक्रमण आपके नाखूनों में नजर आए तो तुरंत चिकित्सक को दिखाकर उपचार लें।
विटामिन की कमी- शरीर में विटामिन और आयरन की कमी के कारण भी नाखूनों की दशा बदल जाती है। अगर आपके नाखून में विटामिन B12 की कमी है तो वह अंदर की ओर से मुड़े हुए नजर आएंगे। एनीमिया की स्थिति में भी नाखून पर धारियां नजर आने लगती है। वही विटामिन सी की कमी होने से नाखून कटने फटने लगते हैं और नाखून के पोरों का मांस भी निकलने लगता है।
नाखूनों की इंफेक्शन से ऐसे बचे- चिकित्सकों की मानें तो नाखून के इन्फेक्शन से बचने के लिए व्यक्ति को अच्छी तरह से अपने हाथों को धोना चाहिए। क्योंकि नाखून और उंगलियों के बीच कई बार पानी, गंदगी और धूल मिट्टी आदि रह जाने के कारण संक्रमण का खतरा रहता है। हाथ पैर धोने के बाद नाखूनों को अच्छी तरह सुखाना भी चाहिए। साथ ही नाखूनों को समय-समय पर काटते रहना चाहिए। जिससे वे साफ-सुथरे रहते हैं। पैरों के नाखूनों की सफाई के लिए विशेष रूप से ध्यान रखें। पौष्टिक आहार का सेवन करें। विटामिन बी लेते रहें, नाखूनों पर रासायनिक प्रोडक्ट का उपयोग नहीं करें।
इस कलर के नाखून से पता चलता है यह बीमारी…… -नाखूनों पर नजर आते सफेद धब्बे से लीवर और ह्रदय रोगों का पता चलता है। -पीले नाखूनों से पीलिया, थायराइड, शुगर और सिरोसिस की ओर इशारा करते हैं।
-नाखूनों का रंग नीला होना यानी शरीर में ऑक्सीजन का संचार ठीक से नहीं होना है। इससे फेफड़ों में संक्रमण, हृदय रोग और निमोनिया भी नजर आता। -नाखूनों के आसपास की चमड़ी उभरी हुई होना फेंफड़ों और आंतों की सूजन की ओर इशारा करता है।
-आधे सफेद और आधे गुलाबी नाखून गुर्दे और सिरोसिस की ओर संकेत करते है। वहीं लाल और जामुनी रंग के नाखून ब्लड प्रेशर की बीमारी की ओर इशारा करते हैं। जामुनी रंग के नाखून से लो ब्लड प्रेशर का पता चलता है।
-बाहर की ओर मुड़े नाखून खून की कमी और अनुवांशिक रोग की ओर इशारा करते हैं।