19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

घर में जरूर होना चाहिए फर्स्ट एड बॉक्स

यह जानना जरूरी है कि हमारे फर्स्ट एड बॉक्स में कौन-कौन सी चीजें, दवाएं व उपकरण होने चाहिए जिससे घायल का उचित प्राथमिक उपचार किया जा सके।

2 min read
Google source verification

image

Vikas Gupta

Sep 16, 2017

learn-what-stuff-to-put-in-the-first-aid-box

यह जानना जरूरी है कि हमारे फस्र्ट एड बॉक्स में कौन-कौन सी चीजें, दवाएं व उपकरण होने चाहिए जिससे घायल का उचित प्राथमिक उपचार किया जा सके।

सड़क हादसों के समय लोगों को फर्स्ट एड (प्राथमिक उपचार) की जरूरत पड़ती है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि हमारे फर्स्ट एड बॉक्स में कौन-कौन सी चीजें, दवाएं व उपकरण होने चाहिए जिससे घायल का उचित प्राथमिक उपचार किया जा सके।

ध्यान रहे

आपका फर्स्ट एड बॉक्स साफ-सुथरा और वाटरप्रूफ होना चाहिए।
कम से कम इन्हें तो रखें ही

खून रोकने या घाव साफ करने के लिए रुई अथवा साफ कपड़ा। चोट पर लगाने के लिए एंटीबायोटिक ट्यूब। पट्टी, एडहेसिव बैंडेज और स्टिकिंग प्लास्टर। बैंडेज को बांधने के लिए सेफ्टी पिन्स। (ये चीजें कार, ऑटो रिक्शा, बाइक और स्कूटर चालक के फस्र्ट एड बॉक्स में होनी चाहिए।) कार वालों के लिए एडवांस किट

आयोडीन सॉल्यूशन : खून बहने से रोकने के लिए।

पट्टी : विभिन्न आकार के गॉज पैड्स (जालीदार कपड़े की पट्टी) एंटी फगल क्रीम, एलोवीरा जैल, बर्न क्रीम : त्वचा संबंधी समस्याओं व जलने की स्थिति में उपयोगी।

दर्द निवारक दवाएं : डॉक्टर की सलाह से किट में शामिल करें और इमरजेंसी में ही लें। इसके अलावा डिस्पोजेबल ग्लव्ज, पॉकेट मास्क, प्लास्टिक की चिमटी, एंटीसेप्टिक वाइप्स (पट्टी), थर्मामीटर व हाथ धोने का साबुन भी इस किट में रख सकते हैं।
स्पाइनल बोर्ड भी हो

सड़क हादसों में 10-15 फीसदी मामले गर्दन या रीढ़ की हड्डी में चोट के होते हैं। ऐसे में स्पाइनल बोर्ड (लकड़ी का बोर्ड) भी रखना चाहिए। इसके सहारे घायल को ठीक से उठाकर अस्पताल पहुंचा सकते हैं।
डेट चेक करते रहें

सॉल्यूशन, क्रीम व अन्य दवाओं की एक्सपायरी डेट चैक करें। रुई, पट्टी, बैंडेज आदि को भी छह महीने या सालभर में बदल लें। जहां तक संभव हो प्लास्टिक के उपकरण रखें।हमारे यहां सड़क हादसों में अधिकांशत: नो ऑर्गेनाइजेशन सिस्टम फॉलो होता है जिसमें घटनास्थल के आसपास के लोग बिना किसी उपचार के घायल को अस्पताल पहुंचाते हैं। हाइवे पर होने वाली दुर्घटनाओं में लोगों को बचाने के लिए गांव वालों व ढाबे वालों को प्री हॉस्पिटल केयर के प्रति जागरूक व प्रशिक्षित करने और उन्हें फर्स्ट एड किट उपलब्ध कराने की जरूरत है।

ये भी पढ़ें

image