इस अभियान में एनजीओए बाल विकास धारा ने भी हिस्सा लिया। बाल विकास धारा के सदस्य देवेंद्र कुमार बरल ने कहा, “हम स्वास्थ्य की सामान्य समस्याओं पर काफी काम करते हैं, लेकिन यह अभियान अनूठा है।” क्लोव डेंटल के सीईओए अमर सिंह ने कहा, “मीडिया के कारण कैंसर की रोकथाम, देखभाल एवं इलाज की जागरूकता शहरी इलाकों में कई गुना बढ़ गई है, लेकिन ग्रामीण इलाकों तथा शहरी झुग्गियों में यह काफी कम है।
‘हंस दो’ अभियान इस कमी को दूर करने के लिए शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य लोगों को ओरल एवं डेंटल हाईजीन पर जागरूक बनाकर यह बताना है कि इसकी कमी से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां किस प्रकार हो सकती हैं। इस प्रोग्राम के मॉड्यूल में दिल्ली की कई झुग्गियों में अवेयरनेस मीट और डेंटल चेकअप कैंप का आयोजन शामिल है।
ऐसे बनाए रखें हंसी को हेल्दी…
– बच्चे को हर ह महीने के बाद डैंटिस्ट के पास लेकर जाएं ताकि वह उनकी आदतें जैसे कि अंगूठा चूसना, जींभ से बार बार अपने ऊपरी दांतों को धकेलना, दांतों से होंठ अथवा गाल काटते रहना आदि आदतें जो दांतों को टेढ़ा-मेढ़ा करती हैं को नोटिस करें और आदतों से छुटकारा दिलाने सकें।
– किसी बच्चे में मुंह से सांस लेने की आदत है, तो भी इस आदत को दूर किया जाना चाहिए, क्योंकि इस आदत की वजह से ऊपर वाले आगे के दांत बाहर की तरफ आने लगते हैं।
-यदि बच्चे के दूध वाले दांत न गिरे हों और उनकी जगहही गलत जगह पर पक्के दांत निकलने लगे हैं, तो ऐसे बच्चे को डैंटिस्ट के पास ले जाकर दूध के दांत निकलवाएं, अन्यथ पक्के दांत किसी ओर जगह पर अपनी जगह बना लेंगे।
– कुछ लोग ऐसा सोचते है कि जब तक दूध के पूरे दांत गिर नहीं जाएं, तब तक किसी डैंटिस्ट के पास जाकर टेढ़े-मेढ़े दांतों के बारे में बात करने का कोई फायदा नहीं है। यह बिल्कुल गलत है। डैंटिस्ट से नियमित दांतों का चेकअप कराना जरूरी है।