scriptकोरोना संक्रमित रोगियों के लिए जानलेवा बन रही यह नयी बीमारी | mysterious blood-clotting complication is killing corona virus patient | Patrika News
स्वास्थ्य

कोरोना संक्रमित रोगियों के लिए जानलेवा बन रही यह नयी बीमारी

थ्रोम्बोसिस से हमारे फेफड़ों में सूजन आ जाती है जिससे वे अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाते और संक्रमित मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगती है।

जयपुरAug 20, 2020 / 01:11 pm

Mohmad Imran

कोरोना संक्रमित रोगियों के लिए जानलेवा बन रही यह नयी बीमारी

कोरोना संक्रमित रोगियों के लिए जानलेवा बन रही यह नयी बीमारी

कोरोना वायरस से लडऩे में वैज्ञानिकों के सामने रोज नई परेशानियां आ रही हैं। इन्हीं में से एक परेशानी है वैक्सीन बनाने के लिए वायरस के सही लक्षण और उससे शरीर पर पडऩे वाले दुष्प्रभाव के बारे में सटीक जानकारी का। लेकिन कोरोना वायरस के अलग-अलग देशों में अलग-अलग लक्षण और दुष्प्रभाव सामने आ रहे हैं। हालांकि ऐसा वहां कि जनसांख्यिकीय स्थिति और डीएनए के कारण भी हो सकता है। इसी चुनौती में एक परेशानी है थ्रोम्बोसिस यानी संक्रमित रोगियों में खून का थक्का जमने की भी है। अटलांटा स्थित इमोरी विश्वविद्यालय स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों के सामने कोरोनावायरस से जुड़ी एक रहस्यमयी बीमारी सामने आई है। विभाग के क्रिटिकल केयर सर्जन डॉ. के्रग कूपरस्मिथ ने बताया कि उनके अस्पताल में थक्का-रोधी मशीन पर रखने के बावजूद मरीजों में खून के थक्के बनना बंद नहीं हो रहे। स्टाफ के अन्य सदस्यों ने बताया कि शहर के अन्य अस्पतालों में इलाज करा रहे गंभीर संक्रमण के रोगियों में भी यही बीमारी देखने को मिल रही है।

40 फीसदी मरीजों में लक्षण
कोरोना वायरस के संक्रमण से पीडि़त इन सभी मरीजों में से 40 फीसदी मरीजों में खून के थक्के बनना बंद नहीं हो रहे। चिकित्सकों का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि कोरोना वायरस ने अपने आपको बदल लिया है और यह म्यूटेंट वायरस श्वसन तंत्र पर ही नहीं बल्कि हमारे शरीर के अन्य महत्त्वपूर्ण अंगों को भी प्रभावित करता है। इस बीमारी से पीडि़त रोगी की रक्त वाहिनी में ऑक्सीजन का स्तर इतना कम हो जाता है कि वे मूर्छित हो रहे हैं और ज्यादा गंभीर स्थितियों में उनकी मृत्यु भी हो रही है। ऑटोप्सी की रिपोर्ट में कुछ रोगियों के फेफड़े सैकड़ों माइक्रोक्लॉट्स से भरे हुए थे। बड़े आकार के रक्त के थक्के बनने से मस्तिष्क या हृदय पर स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ सकता है।

कोरोना संक्रमित रोगियों के लिए जानलेवा बन रही यह नयी बीमारी

इलाज में अड़चन रहा है थ्रोम्बोसिस
दरअसल, जब हमारे शरीर की रक्त धमनियों में रक्त का थक्का जमने लगता है तो इसे थ्रोम्बोसिस कहा जाता है। इस समस्या के कारण शरीर में रक्त प्रवाह में बाधा आनी शुरू हो जाती है। खून के थक्के या क्लॉट्ज मरीजों की मृत्यु का कारण बन सकता है। क्योंकि बहुत से केसों में ऐसा देखने को मिला है कि मरीज के कोरोना संक्रमण से ठीक हो जाने के बाद भी शरीर में ब्लड क्लॉट्स की समस्या विद्यमान रहती है और अंत में हार्ट अटैक के कारण उसकी मौत हो जाती है। खून के थक्कों से हमारे फेफड़ों में सूजन आ जाती है जिससे वे अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाते और संक्रमित मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगती है।

कोरोना संक्रमित रोगियों के लिए जानलेवा बन रही यह नयी बीमारी

शरीर के ऊपरी हिस्से में जानलेवा है
वहीं, वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस से संक्रमित रोगी के खून में थ्रोम्बोसिस का बनना असामान्य है क्योंकि आमतौर पर यह पांव में होते हैं। लेकिन कोरोना के शुरुआती दौर में वैज्ञानिकों ने पाया कि कुछ मरीजों के फेफड़ों में सैकड़ों की संख्या में माइक्रो क्लॉट भी पाए गए हैं। आमतौर पर डीप वेन थ्रोम्बोसिस के मामले पैरों में ही पाए जाते हैं। लेकिन जब ये ब्लड क्लॉट्स शरीर के ऊपरी हिस्से में बनने लगें तो जानलेवा साबित हो सकते हैं। यही वजह है कि जिस तरह कोरोना का वायरसबार-बार अपना स्वरूप और लक्षण बदल रहा है उससे वैज्ञानिकों का इसका कारगर टीका बनाने में दिक्कत आ रही है।

Home / Health / कोरोना संक्रमित रोगियों के लिए जानलेवा बन रही यह नयी बीमारी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो