scriptअमरीकी स्कूलों में भी अब फास्ट फूड की जगह पौष्टिक आहार | Nutritious food in place of fast food now in American schools too | Patrika News
स्वास्थ्य

अमरीकी स्कूलों में भी अब फास्ट फूड की जगह पौष्टिक आहार

-अमरीका में नेशनल स्कूल लंच प्रोग्राम (national school lunch program) के तहत एक लाख स्कूलों के तीन करोड़ बच्चों को मुफ्त और रियायती भोजन (Concessional food) दिया जा रहा है, जबकि भारत में करीब 12 करोड़ से अधिक बच्चों को मिड डे मील (mid day meal) दिया जा रहा है।

Nov 03, 2019 / 07:32 pm

pushpesh

अमरीकी स्कूलों में भी अब फास्ट फूड की जगह पौष्टिक आहार

अमरीकी स्कूलों में पौष्टिक आहार

जयपुर.

अमरीका के स्कूलों में बच्चों को दिया जाने वाला दोपहर का भोजन अब ज्यादा पौष्टिक हो गया है। अब तक बच्चों की पसंद और स्वाद के हिसाब से भोजन की थाली कई तरह के जंकफूड से भरी रहती थी, लेकिन पिछले दिनों अमरीकी कांग्रेस में नेशनल स्कूल लंच प्रोग्राम में बदलाव पर विमर्श के बाद अब इसमें बदलाव नजर आ रहा है। बच्चों में आ रही स्वास्थ्य संबंधी परेशानी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। हालांकि शुरुआत में इसको लेकर काफी परेशानी आई, लेकिन अब धीरे-धीरे बच्चे इस बदलाव को स्वीकार करने लगे हैं।
अब बच्चों को खाने में सब्जी, ताजे फल, अंकुरित अनाज जैसे ऐसे ही पौष्टिक खाद्य पदार्थ दिए जा रहे हैं। पिछले दिनों एक टीम ने देश के आठ प्राथमिक स्कूलों में भोजन के बदले मैन्यू की जांच की। जैसे फ्लोरिडा के ताम्पा में क्यूबाई सैंडविच, मिनियापोलिस में चिकन टिक्का मसाला व अचार आदि खाने में दिए जा रहे थे, वहां इन्हें संघीय नियमों के अनुसार बदला गया है। इसके अलावा सबसे मुश्किल भरा काम करने वालों (भोजन परोसने वाले) की प्रोत्साहन राशि को बढ़ाया गया है।
फल व सब्जियों के साथ आइसक्रीम भी
डाहो के सोरेंसन मैग्नेट स्कूल ऑफ द आट्र्स एंड ह्यूमेनिटीज का मैनू और स्कूलों में सबसे बेहतर माना गया। स्कूल की थाली में नारंगी गाजर और कीवी जैसे फल दिए जा रहे हैं। फ्लोरिडा के अपोलो बीच के डोबी प्राथमिक स्कूल में भुनी हुई फूलगोभी तो वर्मोंट के फेयस्टन प्राथमिक स्कूल में ताजा फलों के साथ अंडे भी दिए जाते हैं। सर्दियों के मेन्यू में अदरक, तिल की मिठाई होती है। कैलिफोर्निया में मिशन वीजो के बाथगेट प्राथमिक स्कूल में बच्चों को गाजर, नाशपाती, खीरे के स्लाइस, सेब और संतरा के अलावा किशमिश, दही और स्ट्राबेरी की आइसक्रीम भी शामिल है। टेनेसी के चैटनूगा के ईस्ट ब्रेनर्ड स्कूल में फ्रूट सलाद, सेब, गाजर, उबला आलू, हरी बीन्स के साथ चॉकलेट और वनिला आइसक्रीम दी जाती है।
भारत में मिड डे मील
भारत में मिड डे मील योजना 15 अगस्त 1995 को पूरे देश के सरकारी स्कूलों में लागू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य बच्चों को पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध करवाकर कुपोषण को खत्म करना है। इसके साथ ही मध्याह्न भोजन योजना से अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा के लिए प्रेरित करना भी है। हालांकि हमारे यहां भी सब्जी, दाल, अनाज और चावल दिए जाते हैं। राजस्थान में पिछली सरकार ने मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत सप्ताह में तीन बार बच्चों को दूध पिलाने की शुुरुआत की गई।
फैक्ट फाइल-
9.90 खरब रुपए खर्च करता है अमरीका हर वर्ष स्कूल लंच प्रोग्राम पर
2.2 करोड़ बच्चों को फ्री, जबकि 18 लाख बच्चों को 28 रुपए में रियायती भोजन
15 अगस्त 1995 में शुरू हुआ मिड डे मील भारत में। बाद में पूरे देश में लागू हुआ

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