कार्डियक सर्जरी के पहले और बाद में चेस्ट फिजियोथैरेपी से हार्ट मसल्स को मजबूती और रिकवरी में मदद मिलती है।
•Sep 17, 2018 / 02:00 pm•
Hemant Pandey
physiotherapy
कार्डियक सर्जरी के पहले और बाद में चेस्ट फिजियोथैरेपी से हार्ट मसल्स को मजबूती और रिकवरी में मदद मिलती है। फिजियोथैरेपी की एक्सरसाइज भी खाली पेट ही करनी चाहिए। खाना खा लिया है तो दो घंटे बाद इसे करें। स्पोट्र्स इंजरी में भी राहत मिलती है।
फिजियोथैरेपी की मदद से हाथ पैरों की मांसपेशियों को मजूबत बनाते हैं तो चेस्ट की फिजियोथैरेपी से हार्ट मसल्स को मजबूती मिलती है। इससे हृदय से जुड़ी बीमारियों से बचाव भी कर सकते हैं। इनमें डायफ्राम और कोस्टल ब्रीदिंग एक्सरसाइज मुख्य हैं। इनके अलावा रजिस्ट्रीव रेस्पेरेटरी मसल्स टे्रनर आदि शामिल है। ये एक्सरसाइज फेफड़ों और हार्ट को मजबूती देती हैं। इनसे ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सीजन का स्तर सही रहता है जो बीमारियों से बचाव करता है। ऐसी कई फिजियो एक्टिविटी हैं जिन्हें हार्ट सर्जरी से पहले और बाद में करने से तेजी से रिकवरी होती है। कई तरह की दिक्कतों से भी बच सकते हैं।
तीन सप्ताह में होती रिकवरी:
कार्डियक सर्जरी के बाद नियमित फिजियोथैरेपी कराने से तीन सप्ताह में रिकवरी होती है। दर्द कम होता है। सर्जरी के बाद स्ट्रेंथनिंग प्रोग्राम जैसे साइक्लिंग, रनिंग, ट्रेडमिल, बॉल, बैलेंस ट्रेनर आदि कराते हैं। यह स्पोट्र्स इंजरी में भी कारगर है। अधिकतर लिगामेंट इंजरी होती है। नियमित फिजियोथैरेपी कराने से 3-4 माह में रिकवरी और ६ माह में पूरी तरह से आराम मिलता है।
बिना सलाह न छोड़ें प्रैक्टिस
कोई भी एक्टिविटी एक्सपर्ट की सलाह से करें और उनके निर्देश पर ही बंद करें। अपनी मर्जी से बंद करने पर मसल्स की रिकवरी रुक सकती है। जरूरत हो तो एक्सरसाइज में बदलाव करवाएं। फिजियो एक्सरसाइज खाली पेट ही करनी चाहिए। यदि खाना खा लिया है तो दो घंटे बाद करें। हर स्टेप को 10 सेकंड तक करें। एक्सरसाइज नियमित सुबह-शाम करें।
बैठते हुए पैर जमीन को नहीं छूने से हो सकता है कमर दर्द
युवाओं में सबसे अधिक कमर दर्द की समस्या हो रही है। इसकी वजह लंबी सिटिंग है। कुर्सी पर बैठते समय सिटिंग पोजिशन का ध्यान रखें। पैर जमीन को छुएं। ऐसा नहीं करने पर पैरों पर स्टे्रस से कमर दर्द हो सकता है। कुर्सी ज्यादा आरामदायक होना ठीक नहीं है। गलत तरीकों से वजन उठाने से भी कमर दर्द हो सकता है। कंप्यूटर पर काम करते समय भी स्क्रीन सिर से नीचे और एक हाथ की दूरी पर होनी चाहिए।
विकास माथुर,
फिजियोथैरेपिस्ट