हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया की स्थिति में हमारे खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ जाती है। यह स्थिति सेहत के लिए खतरनाक होती है। इस स्थिति में हार्ट अटैक का भी खतरा बढ़ जाता है। हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया को लिपिड डिसऑर्डर या हाइपरलिपिडिमिया के रूप में भी जाना जाता है।
1. आंखों के आसपास या पलकों के ऊपर दर्द रहित दाने, वसानुमा दाने, नजर आ रहे हों।
2. यदि आंखों की पुतलियों में बदलाव दिखे।
3. कॉर्निया की बाहर की तरफ या ऊपर नीले या सफेद रंग की गुंबद जैसी आकृति दिखाई दे रही हो।
1. मिचली
2. थकान
3. उच्च रक्तचाप
4. सांस की तकलीफ
5. सीने में दर्द
6. एनजाइना
कोलेस्ट्राल दो तरह का होता है। पहला एलडीएल यानी लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन जिसे बैड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है और एचडीएल हाई डेंसिटी लिप्रोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल। बैड कोलेस्ट्रॉल सेहत के लिए हानिकारक होने का साथ दिल संबंधी गंभीर बीमारी का कारण भी बनता है। इस प्रकार की स्थिति होने पर कोरोनरी आर्टरी डिजीज और हार्ट अटैक खतरा बढ़ जाता है।
अगर आप कोरोना संक्रमित रहे हों तो आपको अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए। भले ही आपके आंखों या शरीर पर कोई लक्षण नजर न आ रहे हों। क्योंकि कोरोना के बाद डायबिटीज, कोलेस्ट्राल और नसों से जुड़ी दिक्कते तेजी से बढ़ी हैं। कई बार बिना लक्षण के भी बीमारी शरीर में नजर आती है।