58% रिस्क कॉर्डियक अरेस्ट यानी हार्ट अटैक का बढ़ता है
76% स्लीप एप्निया के रोगियों में हार्ट फेल्योर की आशंका
80% मरीजों में ऑक्सीजन की कमी से सुबह सिरदर्द
15% मरीजों में टाइप 2 डायबिटीज की आंशका बढ़ जाती है, दूसरी भी परेशानी
90% रोगियों में स्ट्रोक यानी ब्रेन हेमरेज की आशंका,
58% लोगों में फैसला लेने की क्षमता पर असर पड़ता है
06 गुना अधिक बढ़ जाती है रोड एक्सीडेंट की आशंका,
58% रोगियों में मूड डिसऑर्डर, एंजाइटी और डिप्रेशन
ऐसे पा सकते हैं राहत
खर्राटे आते हैं तो इसको स्वीकार करें। डॉक्टर के पास जाएं और नियमित इलाज लें। साथ ही वजन कम करें। सही दिनचर्या अपनाएं। समय पर सोएं और उठें। हर रोज करीब 30 मिनट योग और इतना ही समय टहलें। दिन में सोने से बचें। सोने की जगह और पॉश्चर भी बदल सकते हैं। कोई नशा या ऐसी दवाएं लेते हैं जिनसे नींद में परेशानी हो सकती है तो उसे लेने से बचें। इलाज में कुछ डिवाइस और सर्जरी की जाती है। फिजिशियन इलाज करते हैं।