मेनिंगोसील : रीढ़ की हड्डी में जब एक से ज्यादा छेद हो जाएं तो आंतरिक दबाव से पीठ पर एक गांठ के रूप में उभार आ जाता है। हालांकि इस विकृति में स्पाइनल कॉर्ड में स्थित कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं होता। समय पर सर्जरी से यह दिक्कत दूर हो सकती है।
यह एक जन्मजात विकृति है। इसके प्रमुख कारणों में आनुवांशिकता और गर्भावस्था के दौरान फॉलिक एसिड की कमी होना शामिल है। 95 फीसदी बच्चे जो इस रोग से ग्रस्त होते हैं वे किसी अन्य विकृति से ग्रस्त नहीं होते। कई मामलों में यह आनुवांशिक नहीं होती। अन्य वजहों में प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर , मधुमेह और अन्य शारीरिक रोग जो गर्भावस्था की स्थिति को प्रभावित करे, शामिल हैं।
सामान्य तौर पर मायलो मेनिंगोसील से ग्रस्त ज्यादातर नवजात शिशुओं की जन्म के कुछ घंटे बाद ही मृत्यु हो जाती है। लेकिन जो शिशु बच जाते हैं उनकी सर्जरी करते हैं। मरीज के दिमाग में पानी भरने की समस्या (हाइड्रोसफेलस) की शिकायत होती है जिसका शंट विधि से उपचार होता है। ज्यादातर मामलों में सभी तरह के इलाज व सर्जरी के बावजूद इन बच्चों में मानसिक-शारीरिक अक्षमता की आशंका रहती है। उपचार के लिए कई शोधकर्ता नई दवा की खोज में लगे हैं।