अंगड़ाई से कम होती है हृदय रोग की संभावना: कपूर
20 मिनट के स्ट्रेचिंग व्यायाम से स्वस्थ हृदय के मार्करों में होती है 20 प्रतिशत की वृद्धि, वार्षिक अध्ययन रिपोर्ट
गुडग़ांव। दिन में केवल 20 मिनट के लिए पैरों एवं हाथों में (स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज) खिंचाव लाने का व्यायाम करने से हृदय की सेहत में उल्लेखनीय सुधार किया जा रहा है। सीधी व सरल भाषा में कहा जाए तो महज सही तरीके से अंगड़ाई लेने से हाथ-पांव की माशपेशियों में खिंचाव आता है और हृदय रोग की संभावनाओं को कम किया जा सकता है।
स्थानीय मेदांता मेडिसिटी में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के निदेशक डॉ.रजनीश कपूर ने कोलेस्ट्राल के स्तर पर स्ट्रेचिंग व्यायाम के प्रभाव तथा हृदय की दर का विश्लेषण करने के लिए अध्ययन किया। घुटने के जोड़ो में दर्द से पीडि़त तथा चलने-फिरने में असमर्थ कुल 22 लोगों को इस अध्ययन में शामिल किया गया।
आज यहां अध्ययन रिपोर्ट जारी करते हुए डॉ.कपूर ने बताया कि स्ट्रेचिंग के दौरान हमारा शरीर उल्लेखनीय कार्य करता है। ठीक उसी तरह व्यायाम करने से स्वास्थ्य की दृष्टि से कार्डियो वैस्कुलर लाभ मिलते हैं। उन्होंने बताया कि अध्ययन के लिए चुने गए मरीजों की उम्र 55 से 65 वर्ष के बीच में थी। सभी को दिन में चार बार पांच-पांच मिनट के लिए सरल स्ट्रेचिंग व्यायाम करने के लिए कहा गया। अध्ययन की शुरूआत में तथा एक माह बाद उनके ट्राइगिलसराइड, एलडीएल और मध्यवर्ती हृदय दर को मापा गया।
डॉ.रजनीश कपूर ने बताया कि उनके अध्ययन से पता चला कि ट्राइगिलसराइड्स में औसतन 20 प्रतिशत तथा एलडीएल के स्तर में 12 प्रतिशत कमी आई है। इसके अलावा मध्यवर्ती हृदय दर 84 से गिरकर 70 हो गया। इस तरह इसमें 17 प्रतिशत का सुधार दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि केवल एक महीने में दिन में 20 मिनट के स्ट्रेचिंग सत्र से यह बहुत उल्लेखनीय सुधार आया है। अध्ययन में पाया गया है कि रोजाना 20 मिनट के स्ट्रेचिंग से होने वाले लाभ की मात्रा हल्के एरोबिक व्यायाम के समानुपाती है। स्ट्रेचिंग हर व्यक्ति के लिए आसान और अनुकूल है।
कैसे करें स्ट्रेचिंग व्यायाम:
डॉ.कपूर ने बताया कि आमतौर पर कामकाजी लोग खानपान व जीवनशैली में बदलाव के कारण हृदय रोग का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में स्ट्रेचिंग व्यायाम कहीं भी और किसी भी अवस्था में किया जा सकता है। इसका सबसे सरल उपाय है कि अंगड़ाई लेना। अपने दफ्तर की कुर्सी पर बैठे-बैठे इस तरह से अंगड़ाई ली जाए कि आपके हाथ और पांच की माशपेशियों में खिंचाव पैदा हो। परोक्ष रूप से इसे ही स्ट्रेचिंग व्यायाम कहा जा सकता है। यह प्रणाली उन लोगों के लिए बेहद कारगर है जो व्यवस्तता के चलते सुबह के समय इस तरह का व्यायाम नहीं कर पाते हैं।
जो चल या दौड़ नहीं सकते उनके लिए है बेहतर उपाय:त्रेहन
इसी दौरान मेदांता मेडिसिटी के प्रमुख डॉ.नरेश त्रेहन ने जारी बयान में कहा कि जो लोग किसी न किसी कारण पैदल नहीं चल सकते या दौड़ नहीं सकते उनके लिए स्ट्रेचिंग कारगर व्यायाम है। उन्होंने कहा कि वह नियमित रूप से जब भी मौका मिलता है तो स्ट्रेचिंग एवं श्वसन संबंधी व्यायाम करते हैं। यह घर, आफिस, कार आदि कहीं भी किया जा सकता है। डॉ.त्रेहन के अनुसार स्ट्रेचिंग व्यायाम बाईपास सर्जरी कराने के लिए आने वाले मरीजों के लिए भी बेहद कारगर है।
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