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स्वास्थ्य

बुरी यादों को भुलाना ऐसे है संभव, पढ़ें ये खबर 

बुरे अनुभवों को खत्म करने, सदमा संबंधित तनाव अनियमतिताओं को दूर करने के लिए इलाज का भी सहारा लिया गया है।

May 08, 2016 / 12:23 am

विकास गुप्ता

forget the bad memories

forget the bad memories

न्यूर्याक। कुछ लोग बुरी यादों के मकड़जाल में इस तरह फंस जाते हैं कि उनका भविष्य अंधकारमय लगने लगता है, लेकिन अगर हम अपनी सोच की प्रक्रिया को बदल दें, तो अपनी बुरी यादों को भूल सकते हैं। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है।

अध्ययन में विभिन्न तथ्यों जैसे चाहत के अनुसार इच्छाओं को बढ़ाने के लिए नई शैक्षणिक विधि और बुरे अनुभवों को खत्म करने, सदमा संबंधित तनाव अनियमतिताओं को दूर करने के लिए इलाज का भी सहारा लिया गया है।

काफी समय से याददाश्त को वापस लाने या फिर याददाश्त को नियमित करने के लिए परापंरागत रूप से हम उन तमाम साधनों- जैसे उन दृश्यों, आवाजों, गंधों तथा हम कहां और किसके साथ हैं, का प्रयोग करते रहे हैं। लेकिन इस अध्ययन में इस बात पर जोर दिया गया है कि हम जिन बीते हुए अनुभवों को हमेशा के लिए भूलना चाहते हैं, क्या हम वाकई उसे भूल सकते हैं और अगर हां तो कैसे।

अध्ययनकर्ताओं ने प्रतिभागियों को जंगल, पहाड़ और समुद्र तटों जैसे बाहरी दृश्यों की तस्वीरें दिखाईं और आकस्मिक शब्दों की दो सूची पढऩे को दी। बाद में प्रतिभागियों से कहा गया कि सूची के जिन शब्दों को भूलना या याद रखना चाहते हैं, उन्हें तस्वीरों के बीच में रखें।

साइकोनॉमिक बुलेटिन एंड रिव्यू जर्नल में प्रकाशित लेख में अध्ययन के प्रमुख अमेरिका के न्यू हैम्पशायर स्थित डार्टमाउथ कॉलेज के सहायक प्रोफेसर जेरेमी मैनिंग ने बताया कि प्रतिभागियों की जांच के लिए एफएमआरआई का प्रयोग कर यह जानने की कोशिश की गई कि वे हर पल दृश्य संबधित चीजों के बारे में कितना सोचते हैं। हमने पल-पल उनकी गतिविधियों का अध्ययन किया और यह देखा कि समय के साथ साथ लोगों की सोच में कैसे बदलाव आता है। प्रतिभागियों को जब कुछ भूलने को कहा गया, तो एफएमआरआई में पता लगा कि दृश्य संबधित गतिविधियां उनके दिमाग से गायब हो गई हैं।

मैनिंग ने बताया कि अगर आप अपनी दादी को याद करना नहीं चाहते हैं, तो ये बात आपकी सोच से गायब हो जाएगी कि कैसे आपकी दादी खाना बनाती थी। मैनिंग ने कहा कि अध्ययन में मस्तिष्क के आंकड़ों को भौतिक रूप से मापने और उसकी मात्रा निर्धारण करने में उन्हें काफी सफलता मिली।

लेकिन जब प्रतिभागियों से भूलने के बजाय सूची को याद रखने के लिए कहा गया, तो दृश्य संबंधित विचार गायब हो गए और वे वापस नहीं आ पाए। इस तरह जब लोग दृश्य संबंधी विचारों को भूल जाते हैं, तो यह कहा जा सकता है कि पढ़े हुए शब्द उन्हें बाद में याद आ सकते हैं। अध्ययन में यह साफ हो गया कि अगर आप कुछ भूलना चाहें, तो भूल सकते हैं।

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