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स्वास्थ्य

सर्दी में निरोग रहने के लिए करें ये योगासन

इस मौसम में अक्सर लोग योग-व्यायाम करने से बचते हैं। इसकी वजह सर्दी के कारण आलस आना और ज्यादा कपड़े पहनने से एक्सरसाइज करने में परेशानी होती है।

जयपुरNov 21, 2019 / 06:05 pm

Hemant Pandey

सर्दी में निरोग रहने के लिए करें ये योगासन

सर्दी में निरोग रहने के लिए करें ये योगासन

इस मौसम में अक्सर लोग योग-व्यायाम करने से बचते हैं। इसकी वजह सर्दी के कारण आलस आना और ज्यादा कपड़े पहनने से एक्सरसाइज करने में परेशानी होती है। नियमित व्यायाम न करने से न केवल ब्लड सर्कुलेशन पर असर पड़ता है बल्कि वजन भी बढऩे लगता है। जानते हैं कि सर्दी में किन आसनों को घर के अंदर ही कर स्वस्थ रह सकते हैं।
सूर्य नमस्कार
सर्दी में शरीर गर्म रहे और ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक रहे इसके लिए सूर्य नमस्कार सबसे अच्छा है। इसके 12 स्टे्प्स होते हैं। इसे नियमित करने से शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है। साथ ही सर्दी से होने वाली जकडऩ की समस्या नहीं होती है। इससे वजन नियंत्रित रहता है।
पश्चिमोत्तासन
इस मौसम में पाचन अच्छा रहता है। इसलिए लोग अच्छी डाइट भी लेते हैं। ऐसे में इस आसन से पाचन और बेहतर होता है। भारीपन, कब्ज, गैस, एसीडिटी आदि समस्याओं में राहत मिलती है। पेट बाहर नहीं निकलता है। लोअर बैक के लिए अच्छा होता है। हिप जॉइंट्स खुलते हैं। हाथों की मजबूती भी इससे मिलती है, जिनकी कमर या रीढ़ की हड्डी में दर्द रहता है वे इसको न करें।
अर्धमत्स्येंद्रासन
यह डायबिटीज और पेट के रोगियों के बहुत अच्छा आसन है। इस मौसम में घरों में पैक रहने से ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इससे फेफड़ों के फैलने से अधिक मात्रा में ऑक्सीजन शरीर के अंदर जाती है। शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। मेरुदंड में लचीलापन और मजबूती मिलती है। इसमें 20-20 सेकंड मुद्रा में रहना होता है। इसको दो राउंड कर सकते हैं।
धनुरासन
पेट के बल लेटकर किए जाने वाले आसनों में सर्दी के हिसाब से धनुरासन कर सकते हैं। यह पेट और पीठ दोनों के लिए अच्छा है। इससे थाइज की मसल्स को मजबूती मिलती और वहां का फैट घटता है। साथ ही जकडऩ दूर होती है। ब्लड सर्कूलेशन अच्छा होता और शरीर में गर्मी बनी रहती है। ठंड कम लगती है। शीत में अस्थमा और ब्रॉन्काइटिस रोगियों की परेशानी बढ़ती है। इस आसन से राहत मिलती है।
चक्रासन
छाती की मजबूती के लिए इस आसन को अच्छा माना जाता है। फेफड़ों को मजबूती मिलती है। आलस्य दूर होता और शरीर में फूर्ति आती है। हाथों और पेट पर खिंचाव होता जिससे उनको मजबूती भी मिलती है। पेट पर चर्बी जमा नहीं होती है। इस आसन को करने से मोटापा नहीं होने पाता है। सर्दी में शरीर और हड्डियों दर्द होता है। इससे भी राहत मिलती है। लेकिन जिनके कमर में दर्द हो वे ना करें।
कपालभाति और भस्त्रिका प्राणायाम
सर्दी में योगासन करने के बाद नियमित रूप से प्राणायाम करना चाहिए। इसमें कपालभाति और भस्त्रिका दोनों ही प्राणायाम अंदर से ऊर्जा पैदा करते हैं। सर्दी का प्रकोप नहीं होने पाता है। इसको पांच-पांच मिनट करना चाहिए। दोनों ही प्राणायाम को 50-50 स्टेट करने के बाद दो मिनट शरीर को आराम दें और इन्हें फिर करें। इसको अपनी शक्ति के अनुसार 3-4 राउंड कर सकते हैं। कोई भी प्राणायाम योगासन के बाद करते हैं ताकि इसका लाभ अधिक मिल सके।

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