डॉक्टर भी बताते है कि थायराइड जैसी बीमारी का सही समय पर डायग्नोसिस होना बेहद जरूरी है। यह ऑटोइम्यून डिजीज है। वहीं सबक्लिनिकल थाइरॉइड डिसफंक्शन दिल के रोगों के लिए एक ऐसा खतरा है जिसे कम किया जा सकता है।
आपको बता दें कि कम सक्रिय थायराइड या जिसे सबक्लिनिकल हायपोथायरोडिजम भी कहा जाता है, के रोगियों में कॉर्नरी हार्ट डिसीज की आशंका रहती है। थायराइड की जांच के लिए टीएसएच ब्लड टेस्ट करवाना होता है। उसे एक से पांच यूनिट के बीच मेनटेन करना चाहिए।