ब्लोटिंग के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि गैस, अपच, कब्ज, या भोजन असहिष्णुता। यह तनाव, चिंता, या हार्मोनल परिवर्तन के कारण भी हो सकता है। यहां, हम ब्लोटिंग के बारे में अधिक जानेंगे और कुछ घरेलू उपचारों पर चर्चा करेंगे जो आपको इस समस्या से राहत पाने में मदद कर सकते हैं।
ब्लोटिंग के लिए जिम्मेदार कारण Reasons responsible for bloating
अब आइए बताते हैं ब्लोटिंग से राहत पाने के उपाय… Ways to get relief from bloating
1. जीरा और अजवाइन का पानीजीरा और अजवाइन को सूखा भून लें। इसमें एक गिलास पानी डालें और उबालें। इसे छान कर भोजन के बाद पीएं।
2. पुदीना:
पुदीना पेट के लिए एक बेहतरीन उपाय है। यह पाचन क्रिया को उत्तेजित करता है, गैस को कम करता है, और पेट दर्द से राहत दिलाता है। आप पुदीने की चाय पी सकते हैं, पुदीने का पानी पी सकते हैं, या भोजन में पुदीने का इस्तेमाल कर सकते हैं।
पुदीना पेट के लिए एक बेहतरीन उपाय है। यह पाचन क्रिया को उत्तेजित करता है, गैस को कम करता है, और पेट दर्द से राहत दिलाता है। आप पुदीने की चाय पी सकते हैं, पुदीने का पानी पी सकते हैं, या भोजन में पुदीने का इस्तेमाल कर सकते हैं।
3. सौंफ
भोजन के बाद सौंफ चबाना अच्छा होता है। चाहें तो सौंफ के बीज की चाय बनाकर भी पी सकते हैं। बस पानी में सौंफ और सोंठ का टुकड़ा डालकर इसे उबालें। इसे छान लें और भोजन के बाद पीएं।
भोजन के बाद सौंफ चबाना अच्छा होता है। चाहें तो सौंफ के बीज की चाय बनाकर भी पी सकते हैं। बस पानी में सौंफ और सोंठ का टुकड़ा डालकर इसे उबालें। इसे छान लें और भोजन के बाद पीएं।
4. छाछ
लंच में भोजन के बाद एक गिलास छाछ में सेंधा नमक और हींग डालकर इसका सेवन करें। 5. अदरक:
अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी और पाचक गुण होते हैं जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और पेट फूलने को कम करने में मदद करते हैं। आप अदरक की चाय पी सकते हैं, अदरक का पानी पी सकते हैं, या भोजन में अदरक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
लंच में भोजन के बाद एक गिलास छाछ में सेंधा नमक और हींग डालकर इसका सेवन करें। 5. अदरक:
अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी और पाचक गुण होते हैं जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और पेट फूलने को कम करने में मदद करते हैं। आप अदरक की चाय पी सकते हैं, अदरक का पानी पी सकते हैं, या भोजन में अदरक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।