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स्वास्थ्य

इन खास आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनी है ‘दिव्य कोरेानिल’

क्या दुनिया भर के वैज्ञानिकों से पहले भारत ने तैयार कर ली कोरोना वायरस की आयुर्वेदिक काट?

Jun 23, 2020 / 05:48 pm

Mohmad Imran

इन खास आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनी है 'दिव्य कोरेानिल'

इन खास आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनी है ‘दिव्य कोरेानिल’

चीन के वुहान शहर (Wuhan City) से बीते साल दिसंबर में निकले कोरोना वायरस (cOVID-19) ने आज दुनिया भर में 9,210,533 लोगों को संक्रमित कर दिया है। इस वायरस से पूरी दुनिया में अब तक 474,818 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा संख्या अमरीका (America), अफ्रीका (Africa) और दक्षिण एशिया (South Asia) है। आज दुनियाभर के वैज्ञानिक और फार्मा कंपनियां इस वायरस की कारगर वैक्सीन (Corona Vaccine) बनाने पर दिन-रात काम कर रहे हैं। कुछ वैक्सीन के बना लिए जाने का दावा भी किया गया। लेकिन हर बार हम वैक्सीन के बिल्कुल पास आकर कुछ कदम दूर रह जाते। इसका एक बड़ा कारण था कि यह वायरस बहुत तेजी से अपने आरएनए में बदलाव कर रहा था जिससे इसका टीका बनाने में मुश्किल आ रही थी। चीन में ही इस वायरस के 6 स्ट्रेन मिले थे। वहीं अबतक वैज्ञानिक कोरोना वायरस के 24 स्ट्रेन (Corona Strain) की खोज कर चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही कुछ दवाओं परिणामों पर आशा जताई है। लेकिन इस दौड़ में शायद भारत ने आयुर्वेद (Corona and Ayurveda) के आशीर्वाद से सबसे पहले दवा बना ली है। हाल ही योग गुरू बाबा रामदेव की फार्मा कंपनी पतंजली (Patanjali) ने ‘दिव्य कोरोनिल’ (Diwya Coronil) लॉन्च की है। जिसके बारे में यह दावा किया जा रहा है कि इसके उपचार से परीक्षण में रोगियों को सात दिन में 100 फीसदी फायदा हुआ है। आइए जानते हैं कि इस आयुर्वेदिक दवा में किन बूटियों और औषधियों का इस्तेमाल किया गया है।
इन खास आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनी है 'दिव्य कोरेानिल'
कोरोनिल में ये ‘दिव्य’ जड़ी-बूटियां
पतंजलि के कर्ता-धर्ता बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के अनुसार कोरोनिल में गिलोय, अश्व गंधा, तुलसी, श्वसारि रस और अणु तेल का मिश्रण है। उनके मुताबिकए यह दवा दिन में दो बार सुबह और शाम को ली जा सकती है। पतंजलि का कहना है कि अश्व गंधा से कोविड-19 के रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन (RBD) को शरीर के एंजियोटेंसिन-कन्वर्टिंग एंजाइम (ACE) से नहीं मिलने देता। इसका मतलब यह है कि दवा के शरीर में मौजूद होने पर कोरोना के प्रोटीन स्पाइक्स (Corona Protien Spikes) इंसान की कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाते। जबकि इस दवा में मौजूद गिलोय के चमत्कारिक गुण कोरोना के संक्रमण को शरीर के अन्य अंगों तक फैलने से रोकता है। तुलसी कोरोना वायरस के आरएनए पर हमलाकर उसे कमजोर करती है जिससे कोरोना वायरस तेजी से अपनी संख्या नहीं बढ़ा पाते।
इन खास आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनी है 'दिव्य कोरेानिल'
देश भर के पतंजली स्टोर पर मिलेगी
पतंजली ने यह भी बताया कि इस दवा को जल्द ही देशभर में नेटवर्क की तरह फैले उनके पतंजली स्टोर से लिया जा सकेगा। जल्द ही एक ऐप भी लॉन्च किया जाएगा जिसकी मदद से उपयोगकर्ता आसानी से इस दवा को परचेज कर सकेंगे या ऑनलाइन ऑर्डर बुक कर सकेंगे। बाबा रामदेव का कहना है कि इस दवा के उपयेाग का 100 फीसदी रिकवरी रेट है। इस दवा को महीनों की रिचर्स, आयुर्वेद के ज्ञान और वायरस की कार्यशैली का जांच करने के बाद तैयार किया गया है।
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इधर डेक्सामेथासोन बनी संजीवनी
सस्ती और सर्वत्र उपलब्ध दवा डेक्सामेथासोन के बारे में भी यह दावा किया जा रहा है कि यह दवा कोरोना वायरस गंभीर रूप से संक्रमित रोगियोंं की जान बचा सकती है। ब्रिटेन के विशेषज्ञों का कहना है कि कम मात्रा में इस दवा का उपयोग करने से बड़ी कामयाबी मिली है। वेंटिलेटर पर गए मरीजों की जान बचाने में इस दवा ने कमाल का असर दिखाया है। दरअसल, डेक्सामेथासोन 1960 के दशक से गठिया और अस्थमा के इलाज में इस्तेमाल हो रही है। लेकिन अब शोधकर्ताओं का अनुमान है कि अगर इस दवा का इस्तेमाल पहले किया जाता तो हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती थी। एक अन्य दवा रेमडेसिवियर को भी लोग कोरोना के संभावित इलाज के रूप में देख रहे हैं।

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