
Fatty Liver
Fatty Liver : लीवर हमारे शरीर का मुख्य पार्ट में से एक होता है। लीवर के खराब होने पर हमें कई तरह कि बीमारियां होने लगती हैं। सबसे ज्यादा लीवर हमारी पाचन क्रिया पर प्रभाव डालता है जिससे हमें तरह तरह कि बीमारियां होने लगती हैं। लीवर खराब होने पर हमें अलसर जैसी बीमारी भी हो सकती है।
इस समय फैटी लीवर (Fatty Liver) को लेकर भी काफी चर्चाए चल रही हैं। अकसर लोग इसके लिए शराब को जिम्मेदार बताते है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं फैटी लीवर होने के कई कारण हो सकते हैं। लोग फैटी लीवर को कभी ठीक नहीं होने वाली बीमारी गिनते हैं लेकिन ऐसा नहीं है फैटी लीवर एक समस्या है जिससे कई सारी बीमारियां हो सकती हैं। फैटी लीवर में जमा फैट को कम किया जा सकता है।
लीवर फंक्शन नॉर्मल तो नहीं होगा फैटी लीवर
ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि लीवर फंक्शन नॉर्मल होने पर फैटी लीवर की समस्या नहीं होती है। फैटी लीवर डिसीज पता करने के लिए अलग से अल्ट्रासाउंड या फाइब्रोस्कैन टेस्ट करवाना पड़ता है। कई बार फैटी लीवर होने पर भी लीवर फंक्शन नॉर्मल रहता है।
फैटी का लीवर होने पर इलाज नहीं
अकसर लोग कहते हैं कि यदि लीवर फैटी हो गया है तो इसका इलाज संभव नहीं है लेकिन यह एक मिथ है। सही खानपान और सही लाइफस्टाइल से फैटी लीवर की समस्या को ठीक किया जा सकता है।
केवल खानपान से फैटी लीवर होता
ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि आपका फैटी लीवर (Fatty Liver) खानपान से ही हो। फैटी लीवर की समस्या कार्टिसोल के लेवल के बढ़ने से भी जुड़ी हुई होती है। नींद की समस्या होने पर हमारा लीवर फैटी होने लगता है। नींद पूरी नहीं होने पर स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है और इससे फैटी लीवर की समस्या होन लगती है।
सिर्फ मोटे लोगों में होता फैटी लीवर
यह मिथ है कि फैटी लीवर समस्या का सामना सिर्फ मोटे लोगों को करना पड़ता है। यदि पतले लोगों का खानपान सही नहीं होता है तो उनको भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
केवल शराब के सेवन से होता फैटी लीवर
एल्कोहलिक फैटी लीवर (Fatty Liver) के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन वर्तमान समय में नॉन एल्कोहिलिक फैटी लीवर डीसीज के मामलों में बढ़ातरी देखने को मिली है। इससे यह बात सामने आती है कि बीना एल्कोहल के भी हमें फैटी लीवर की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। जब हम ज्यादा मात्रा में चीनी और फलों से मिलने वाले फ्रक्टोज की वजह से भी फैटी लीवर हो सकता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
28 Aug 2024 02:45 pm
Published on:
28 Aug 2024 01:30 pm
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