
Cancer prevention The Truth About Diet Exercise Screenings
Best diet for cancer prevention : कैंसर दुनिया की सबसे गंभीर और भयावह बीमारियों में से एक है, जो हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करता है। यह तब होता है जब शरीर में कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और सामान्य ऊतकों को नुकसान पहुंचाने लगती हैं। हालाँकि, कैंसर को लेकर कई मिथक और भ्रांतियाँ फैली हुई हैं, जिनकी वजह से लोग इसके वास्तविक कारणों और रोकथाम के उपायों को अनदेखा कर देते हैं।
यह सच है कि कुछ कैंसर अनुवांशिक कारणों से हो सकते हैं, लेकिन जीवनशैली, खान-पान, व्यायाम और समय-समय पर की जाने वाली स्क्रीनिंग इसकी रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सही आहार, शारीरिक सक्रियता और नियमित चिकित्सा परीक्षणों के जरिए कैंसर की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
कैंसर को लेकर कई भ्रांतियाँ भी प्रचलित हैं, जैसे कि "सिर्फ धूम्रपान करने वालों को ही फेफड़ों का कैंसर (Lung cancer) होता है" या "हर्बल दवाएँ कैंसर का इलाज कर सकती हैं।" ऐसे मिथकों को दूर करना जरूरी है ताकि लोग सही जानकारी के आधार पर अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकें।
प्रोफेसर एवं फिजिशियन मेडिकल कॉलेज कोटा, डॉ. पंकज जैन से विस्तार से समझेंगे कि कैसे संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और समय-समय पर स्क्रीनिंग से कैंसर की रोकथाम संभव है। साथ ही, कैंसर से जुड़े आम मिथकों को भी दूर करने का प्रयास करेंगे ताकि लोग इस बीमारी को लेकर सही निर्णय ले सकें और स्वस्थ जीवनशैली अपना सकें
गलत खान-पान शरीर में गड़बड़ जीन को बढ़ा सकता है, जिससे कैंसर (Cancer) का खतरा बढ़ता है। लेकिन सही आहार से इस जोखिम को कम किया जा सकता है।
फल और सब्जियाँ एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करती हैं और कोशिकाओं को कैंसर से बचाती हैं।
ज्यादा तेल, मसाले और प्रोसेस्ड फूड खाने से शरीर में जहरीले तत्व बढ़ सकते हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।
ब्रोकली, पालक, गाजर और अन्य हरी सब्जियाँ कैंसर से बचाव में सहायक होती हैं।
अध्ययनों से पता चला है कि मोटापे से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। नियमित व्यायाम न केवल वजन को संतुलित रखता है, बल्कि हार्मोन और सूजन को भी नियंत्रित करता है।
हार्मोन बैलेंस करता है
शरीर में सूजन को कम करता है
वजन को नियंत्रित रखता है
कैंसर कोशिकाओं के बढ़ने की संभावना को कम करता है
दौड़ना (Running)
तैराकी (Swimming)
योग (Yoga)
कैंसर अगर शुरुआती चरण में ही पकड़ में आ जाए, तो उसका इलाज ज्यादा आसान और प्रभावी होता है। खासकर स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के लक्षण देर से दिखाई देते हैं, इसलिए समय-समय पर स्क्रीनिंग कराना जरूरी है।
मेमोग्राम (Mammogram): स्तन कैंसर की शुरुआती पहचान के लिए
पैप स्मीयर टेस्ट (Pap Smear): सर्वाइकल कैंसर की जाँच के लिए
कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy): पेट और आँतों के कैंसर की पहचान के लिए
मिथक: कैंसर सिर्फ अनुवांशिक होता है।
सच्चाई: सभी कैंसर अनुवांशिक नहीं होते। जीवनशैली, खान-पान और पर्यावरणीय कारक भी इसका कारण बन सकते हैं।
मिथक: केवल धूम्रपान करने वालों को ही फेफड़ों का कैंसर होता है।
सच्चाई: वायु प्रदूषण और पैसिव स्मोकिंग के कारण नॉन-स्मोकर्स को भी फेफड़ों के कैंसर का खतरा हो सकता है।
मिथक: हर्बल दवाएँ कैंसर का इलाज कर सकती हैं।
सच्चाई: हर्बल उपाय कैंसर के लक्षणों को कम कर सकते हैं, लेकिन वे इसका इलाज नहीं हैं। सही उपचार के लिए कीमोथेरेपी और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियाँ आवश्यक हैं।
हालांकि कैंसर एक जटिल बीमारी है, लेकिन सही जीवनशैली अपनाकर इसकी संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और समय-समय पर स्क्रीनिंग कराने से न केवल कैंसर से बचाव संभव है, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। मिथकों से दूर रहें और सही जानकारी के साथ स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ!
Published on:
05 Mar 2025 03:20 pm
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