लेकिन क्या आप जानते हैं कि जल जिसे जीवन की संज्ञा प्राप्त है, उसके सही तरीके और पीने के समय से ही हम अनजान हैं। इस बात पर शायद आपकी प्रतिक्रिया हो सकती है कि, पानी पीने का भी कोई तरीका होता है भला, जब प्यास लगी पानी पी लिया। परंतु आपको जानकर हैरानी होगी कि पानी पीने का गलत समय और तरीका भी हमारे शरीर में बीमारियों को पनाह दे सकता है। तो आइए आज इस बारे में भी जान लीजिए:
क्या है सही समय
• आयुर्वेद की मानें तो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और अच्छी तरह सफाई करने के लिए हमें सुबह उठने के बाद खाली पेट 2 गिलास पानी पीना चाहिए। इससे हमें कब्ज की समस्या भी नहीं होती है।
• इसके अतिरिक्त भोजन करने से लगभग आधा घंटा पहले पानी पीने से भोजन का पचाव आसानी से होता है। ध्यान रखें कि भोजन के तुरंत बाद अथवा खाना खाते समय बिल्कुल भी पानी न पिएं। आप भोजन करने के लगभग आधे घंटे बाद पानी पी सकते हैं।
• साथ ही स्नान करने से 30 मिनट पहले पानी पीने से रक्तचाप की समस्या से भी बचा जा सकता है और जो लोग सोने से पहले पानी पी कर सोते हैं, उन्हें हृदयाघात का खतरा भी कम रहता है।
• इस बात का ध्यान रखें कि, जब भी घर से बाहर जाएं पानी पीकर ही निकलें। इसके अलावा व्यायाम या वर्कआउट करने के बाद पानी पीने से डिहाइड्रेशन नहीं होता।
जानिए सही तरीका
• आयुर्वेद कहता है कि, जो पानी हम पी रहे हैं उसका तापमान शरीर के तापमान से ठंडा नहीं होना चाहिए। गर्मियों में ठंडा-ठंडा पानी पीना किसे अच्छा नहीं लगता और हम में से बहुत से कहीं बाहर से आने या पसीना आने पर फ्रिज का ठंडा पानी पी लेते हैं। जो कि हमारे शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक है। काफी अधिक ठंडे जल के सेवन से शरीर में कई स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां पैदा हो सकती हैं। इसलिए काफी अधिक शीतल और बर्फ वाला पानी पीने से जितना हो सके परहेज करें तथा सामान्य तापमान का पानी ही पिएं।
• कई लोगों की आदत होती है कि, पानी की बोतल खोली और गट-गट करके पानी पी लिया, जो कि गलत है। आपको बता दें कि हमें एक बार में पानी गटकने के बजाय धीरे-धीरे घूंट-घूंट करके पीना चाहिए। क्योंकि पानी पीते समय हमारे मुंह की लार भी पानी में मिलकर अंदर जाती है, तो अगर हम धीरे-धीरे पानी पिएंगे, तो पाचन तंत्र भी मजबूत होगा।