scriptक्या आप भी परेशान हैं ऑफिस के वर्क कल्चर से? जानिये क्या है इसका कारण | Workplace wellness programme has limited benefits for employees healt | Patrika News
स्वास्थ्य

क्या आप भी परेशान हैं ऑफिस के वर्क कल्चर से? जानिये क्या है इसका कारण

कार्यस्थल पर वैलनेस प्रोग्राम के कर्मचारियों पर पडऩे वाले सीमित प्रभाव को जांचने के लिए शोधकर्ताओं ने औसतन 43.9 साल के 4834 कर्मचारियों को शोध में शामिल किया था, इनमें 2770 महिला कर्मचारी थीं।

Jun 29, 2020 / 06:55 pm

Mohmad Imran

क्या आप भी परेशान हैं ऑफिस के वर्क कल्चर से? जानिये क्या है इसका कारण

क्या आप भी परेशान हैं ऑफिस के वर्क कल्चर से? जानिये क्या है इसका कारण

नोवेल कोरोना वायरस (Novel Corona Virus) के बाद कार्यस्थल पर स्वास्थ्य संबंधी नियमों और प्रोटोकॉल्स में वृहद स्तर पर बदलाव किए जा रहे हैं। काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना हमारी स्वयं की जिम्मेदारी होती है। कोरोना महामारी से पहले हमारी प्राथमिकता पेशेवर मांगों और व्यक्तिगत इच्छाओं को पूरा करने के लिए समय से रेस लगाने तक ही सीमित थी। लेकिन इस महामारी ने 4 महीने में ही हमारी जिंदगी के हर उसूल बदल दिए, सभी नियमों को ध्वस्त कर दिया और अब हमें जिंदगी को एक नए नजरिए से देखने के लिए विवश कर दिया है। जामा (JAMA) इंटरनल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक शोध कार्यस्थल पर स्वास्थ्य कार्यक्रमों (Wellness Programme) के महत्त्व पर प्रकाश डालता है।
क्या आप भी परेशान हैं ऑफिस के वर्क कल्चर से? जानिये क्या है इसका कारण
इस अध्ययन के सह-लेखक और कैम्ब्रिज स्थित नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च के प्रोफेसर डेविड मोलिटर के अनुसार, कुछ नियोक्ता अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और स्वास्थ्य संबंधी खर्चों को कम करने के लिए ‘वर्कप्लेस वैलनेस प्रोग्राम’ (Workplace Wellness Programme) को लागू करते हैं, लेकिन उसके प्रभाव का मूल्यांकन कर पाना मुश्किल है। मोलिटर का कहना है कि शोध में हमने पाया कि कर्मचारियों की स्वास्थ्स संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए शुरू किए गए इन उपायों या चिकित्सा कार्यक्रमों का कर्मचारियों पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं होता।
क्या आप भी परेशान हैं ऑफिस के वर्क कल्चर से? जानिये क्या है इसका कारण
कर्मचारियों के अनुरूप नहीं होते प्रोग्राम (Not According to Empolyee)
प्रोफेसर डेविड मोलिटर ने शोध के हवाले से बताया कि ‘वर्कप्लेस वैलनेस प्रोग्राम’ का कार्यस्थल संबंधी परेशानियों, मेंटल हैल्थ (Mentle Health) और स्वास्थ्य पर प्रभाव की पड़ताल करने के लिए 4834 कर्मचारियों को शोध में शामिल किया था जिनकी औसत आयु 43.9 वर्ष थी। इनमें 2770 महिला कर्मचारी भी शामिल थीं। शोधकर्ताओं ने पाया कि इन कार्यक्रमों का कर्मचारियों की मानसिक परेशानियों और स्वास्थ्य संबंधी शारीरिक समस्याओं में भी उनकी परेशानियों के लिए किसी ठोस उपाय या समस्या के कम होने जैसे कुछ सुधार नहीं हुए थे। दरअसल, इसका प्रमुख कारण कर्मचारियों की इन प्रोग्राम्स को लेकर अपेक्षा और स्वास्थ्य के स्तर में वास्तविक सुधार के बीच कोई जुड़ाव न होना भी है। कार्यस्थल का माहौल कर्मचारी की अपेक्षा और इन स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बीच कोई तारतम्य नहीं होता। शोध के ये निष्कर्ष इन स्वस्थ्य कल्याण कार्यक्रमों के प्रति कर्मचारियों की धारणाओं पर भी रोशनी डालते हैं।
24 महीनों तक किया अध्ययन
अध्ययन में इन कर्मचारियों के 12 से 24 महीनों तक स्वास्थ्य और कल्याण गतिविधियों का अध्ययन किया गया था। शोध के एक अन्य सह-लेखक प्रोफेसर जूलियन रीफ का भी यही कहना है कि इससे पूर्व के भी कई अध्ययनों में पाया गया है कि ‘वर्कप्लेस वैलनेस प्रोग्राम’ में कर्मचारियों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ और चिकित्सा संबंधी खर्चों में भी कमी आई। लेकिन शोध के वे परिणाम इस बात पर निर्भर करते हैं कि इन कार्यक्रमों में कौन भाग ले रहा है। ऐसे कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले लोगों के अनुसार भी परिणाम में अंतर आने की संभावना है।
मसलन महिलाओं की समस्याएं उनके निजी जीवन, जिम्मेदारियों और परिवार से जुड़ी होती हैं। एक अन्य अध्ययन में भी यह बात सामने आई है कि लगातार लंबे समय तक काम करने वाली महिलाएं पुरुषों की तुलना में जल्दी अवसादग्रस्त हो जाती हैं। ऐसे ही महिलाओं की तुलना में पुरुषों का सामाजिक नेटवर्क कमजोर होता है। अपनी तकलीफों को खुलकर शेयर न कर पाना भी उनके मेंटल स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का कारण बन सकता है।

Home / Health / क्या आप भी परेशान हैं ऑफिस के वर्क कल्चर से? जानिये क्या है इसका कारण

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो