पति राज्यसभा में, पत्नी विधानसभा और पुत्र लोकसभा में
हरियाणा में एक ही परिवार के तीन लोग सत्ता पर काबीज
पति राज्यसभा में, पत्नी विधानसभा और पुत्र लोकसभा में
(चंडीगढ़. रोहतक) . देश की राजनीति में हरियाणा (Haryana) पहला ऐसा राज्य है जिस में एक परिवार के तीन नेता सत्ता पर काबिज है और अगे भी विधानसभा की टिकट की मांग कर रहे है वे किसी ओर पार्टी के नेता नहीं भाजपा के है जो पार्टी 2014 में यह कहती थी की वारिसों को किसी भी कीमत पर टिकट नहीं दिए जाएंगे और अन्य दलों पर वारिसों की पार्टी का आरोप लगाती थी। हरियाणा में सर छोटूराम के परिवार ने भाजपा पर वारिसों को टिकट न देने की नीति को पीछे छोड़ दिया।
पहले हरियाणा (Haryana Politics) विधानसभा में सर छोटूराम के नाती हरियाणा से राज्यसभा सदस्य चौ. विरेन्द्र सिंह ने भाजपा हाईकमान पर इतना दवाब बना दिया था कि भाजपा को उनकी पत्नी प्रेमलता के लिए विधानसभा का टिकट देना पड़ा और वे मोदी लहर में उचाना विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की विधायक है ।
यही नहीं पूर्व मंत्री चौ. विरेन्द्र सिंह ने हरियाणा विधानसभा के बाद अपने लिए दवाब बनाना शुरू कर दिया कि वे हरियाणा में नहीं बल्कि देश भर के जाट समाज पर प्रभाव रखते है उनकी एक अवाज में देश भर का जाट समाज एकत्र हो जाता है और हरियाणा में जाट समाज करीब 10 से 15 सीटों पर प्रभाव रखता है और भाजपा को लोकसभा में सत्ता में आना था तो विरेन्द्र सिंह को हरियाणा से राज्यसभा का सदस्य बनाकर केंन्द्र में मंत्री बना दिया मगर उनके मंत्री बने के कुछ दिन बाद हरियाणा में जाट समाज ने आरक्षण की मांग की।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाओं से पहले पूर्व मंत्री चौ विरेन्द्र सिंह ने फिर भाजपा पर दवाब बनाया और मीडिया में कहा की वे जल्द ही राज्यसभा के सदस्य के पद से अपना त्याग पत्र देने जा रहे जिसके चलते मोदी सरकार को लोकसभा चुनावों को देखते हुए विरेन्द्र सिंह से बात करनी पड़ी क्योंकि वे हरियाणा सरकार से भी नाराज चल रहे थे और एक बार फिर से वे भाजपा से अपने बेटे बृजेंन्द्र सिंह को हिसार लोकसभा सीट टिकट दिलवाने में सफल रहे और अब सांसद है। अब चौ. विरेन्द्र सिंह की देखा देख भाजपा के ओर नेता भी अपने वारिसों के लिए विधानसभा की टिक माग रहे है।